नई दिल्ली: गुजरात शहर के स्थानीय निकाय चुनाव की मतगणना शुरू हो गई है। मतगणना के दौरान गुजरात के शहरों के बाद अब गांवों में भी कांग्रेस को बड़ा नुकसान होता दिख रहा है। इसी के साथ साबरकांठा में कांग्रेस विधायक अश्विन कोटवाल के बेटे यश कोटवाल तहसील पंचायत चुनाव में हार गए हैं। तो दूसरी ओर पाटीदारों के गढ़ उत्तर गुजरात और सौराष्ट्र में बीजेपी अपनी लगातार बढ़त बनाई हुई है।

अब इसी कड़ी में आपको जानकारी के लिए बताते है की गुजरात में आखिरकार बीजेपी ने अपना जीत का झंडा फेरा दिया है.
विजय रुपाणी ने ज़ाहिर की अपनी ख़ुशी
मिली जानकारी के मुताबिक गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने कहा, “6 महानगर पालिका में भाजपा की जीत के बाद कहा जा रहा था कि ग्रामीण मतदाता तो कांग्रेस के साथ है तथा भाजपा को वहां सफलता हासिल नहीं मिलेगी लेकिन जिला पंचायत में नगर पालिका के चुनाव परिणाम बताते हैं कि जनता ने कांग्रेस के नेता तथा प्रत्याशियों को चुन-चुन कर हराया है।” भारतीय ट्राइबल पार्टी के नेता छोटू भाई वसावा के पुत्र सहित कांग्रेस के कई बड़े नेताओं के करीबी अथवा रिश्तेदार भी चुनाव हारे हैं। गुजरात की जनता का भारतीय जनता पार्टी की ओर से खूब-खूब धन्यवाद तथा भाजपा के कार्यकर्ताओं ने जो परिश्रम किया आज उसी का परिणाम सामने नजर आ रहा है। 6 महानगर पालिका 31 जिला पंचायत नगरपालिका तथा तहसील पंचायतों में भारतीय जनता पार्टी को जो जीत हासिल हुई है वह प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सी आर पाटिल के मार्गदर्शन तथा कार्यकर्ताओं की मेहनत से हासिल हुआ है।”

आम आदमी पार्टी ने खोला अपना खाता
बता दें कि जिला पंचायत की कुल सीटें-980 थे. जिसमें भाजपा 500, कांग्रेस 114, अन्य 8. नगरपालिका की कुल सीटें 2720 थी। भाजपा 1717, कांग्रेस 324 और अन्य 144। तहसील पंचायत की कुल सीटें-4774। भाजपा 1857, कांग्रेस 681 और अन्य 87। इसके बाद जिला पंचायत की कुल सीटें 980 थी। भाजपा 143, कांग्रेस 32 और अन्य 28। तहसील पंचायत की कुल सीटें 4774 थी। भाजपा 655, कांग्रेस 203 और अन्य 33। नगरपालिका की कुल सीटें 2720 थी। भाजपा 640, कांग्रेस 136 और अन्य 37। गुजरात में जिला पंचायत तहसील पंचायत तथा नगरपालिका की 8474 सीटों में से अब तक भाजपा 2300 सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं कांग्रेस 520 सीटों पर आम आदमी पार्टी 40 सीटों पर जबकि 24 सीट पर अन्य बढ़त लिए हुए हैं। आम आदमी पार्टी ने सूरत में कांग्रेस से 27 सीट जीतकर उसका सफाया कर दिया था, सूरत महानगर पालिका में भाजपा पुन: सत्तासीन हुई लेकिन प्रमुख विपक्षी दल के रूप में आम आदमी पार्टी उभरकर सामने आ चुकी है।

कांग्रेस पर उठाया जा रहा है सवाल
बात करें गुजरात के चुनाव में जितने की तो इससे पहले 8 सीट पर हुए विधानसभा उपचुनाव में भाजपा ने कांग्रेस का गढ़ मानी जाने वाली सीटों पर भी जीत हासिल की थी। गुजरात मैं स्थानीय निकाय चुनाव में भाजपा की जीत प्रदेश की जनता का विश्वास की जीत है तथा सरकार तथा भाजपा नेता इस जीत को विनम्रता से स्वीकार करते हुए गुजरात के विकास तथा लोगों की सेवा का कार्य करेंगे। गुजरात में हुए भाजपा की जीत पर अब जनता कांग्रेस पर सवाल खड़े हो रहे है की कांग्रेस सत्ता ही नहीं बल्कि विपक्ष के लायक भी नहीं है. साथ ही कांग्रेस पर यह भी सवाल उठाया जा रहा है की अब कांग्रेस को खुद इस पर सोचना चाहिए कि जनता बार-बार उसका साथ क्यों छोड़ रही है।
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