नई दिल्लीः अगले साले उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव होने वाले हैं लेकिन आपको बता दें कि ग्राम प्रधानों को उत्तर प्रदेश (UP Panchayat Chunav) के ग्रामीण क्षेत्र के विकास की खातिर मिले छह हजार करोड़ रुपये में से वे 1800 करोड़ रुपये खर्च नहीं कर पाए। 57,978 ग्राम पंचायतों के खातों में यह रकम अवशेष रह गई है। इस रकम का भी समय रहते विकास कार्यों में उपयोग हो जाता तो हालात और बेहतर होते। वहीं, जिला पंचायतों का कार्यकाल 15 जनवरी, 2021 को पूरा होगा। प्रदेश में चार चरणों में संभावित त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव मार्च में पूरा किए जाने की तैयारी है।
धन उपभोग की नई व्यवस्थाओं में पारंगत न हो पाना-
गांवों में विकास के लिए 14वें व 15वें वित्त आयोग व राज्य वित्त आयोग से मिलने वाली धनराशि का संपूर्ण उपयोग नहीं होने की एक वजह अधिकतर प्रधानों का धन उपभोग की नई व्यवस्थाओं में पारंगत न हो पाना भी है। वहीं विभागीय अधिकारियों से बेहतर तालमेल न होने के कारण बहुतेरे गांवों में विकास कार्य व्यवस्थित नहीं हो सके। ग्रामीण क्षेत्रों में सुधारों से संबंधित संस्था चलाने वाले डॉ.कुलदीप कहते हैं कि तकनीक के दौर में ग्रामीण क्षेत्रों के जनप्रतिनिधियों का शिक्षित होना बहुत जरूरी है।
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आवंटित ई-ग्राम स्वराज के माध्यम से-
ग्रामों के विकास के लिए आवंटित धनराशि का उपभोग पब्लिक फाइनेंस मैनेंजमेंट (PFMS) व ई-ग्राम स्वराज के माध्यम से होता है। इसके अलावा अलग-अलग योजनाओं के एप भी बने हैं। सभी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद आवंटित धनराशि व्यय करना संभव है। अब पहले की तरह पुरानी तिथियों में चेक जारी करने की व्यवस्था नहीं रह गई है।
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लेनदेन में अचानक तेजी-
आखिरी दो दिन में प्रधानों ने किया 300 करोड़ रुपये का भुगतान : 25 दिसंबर को ग्राम पंचायतों का कार्यकाल पूरा होने से एक सप्ताह पूर्व खातों में लेनदेन कार्य में अचानक तेजी आयी। विभागीय सूत्रों के अनुसार अंतिम दो दिन में करीब 300 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। इसकी जांच कराने की तैयारी है।
