नई दिल्ली: भारत में FDI 13 % डिजिटल क्षेत्र की तेज गति के चलते बढ़ा जिस का मुख्य कारण लोगों की इस ओर अधिक दिलचस्पी बताई जा रही है। हालांकि उसी समय इस दौरान ब्रिटेन, अमेरिका और रूस जैसी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में पूंजी का निवेश बहुत तेजी से कम हुआ है । बता दे कि संयुक्त राष्ट्र रिपोर्ट में कहा कि कोविड-19 महामारी के चलते भारत और चीन ने विदेशी पूंजी को अपनी ओर अधिक आकर्षित किया है। व्यापार और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के अकाउंट में भी एक रिपोर्ट में इस बात कि पुष्टी की है। 2020 में वैश्विक विदेशी FDI के 42 प्रतिशत घटकर 859 अरब अमेरिकी डॉलर रह जाने का अनुमान है, जो पहले 2019 में 1500 अरब डॉलर थी ।
30 % का उछाल बाजार में
कोविड़ 19 के चलते पिछले कुछ समय में बाजार अपने निचले स्तर 1990 के दशक को भी पार कर गया है और जब कि यह गिरावट 2008-2009 के वैश्विक वित्तीय संकट के मुकाबले 30 प्रतिशत अधिक पाई गई है। वही एफडीआई में गिरावट खासतौर से विकसित देशों में देखने को मिली है, जहां एक अनुमान के मुताबिक पूंजी प्रवाह 69% घटकर 229 अरब डॉलर रह गया विकसित देशों में मिला है । हालांकि दूसरी ओर डिजिटल क्षेत्र में निवेश से भारत में एफडीआई 13 प्रतिशत बढ़ा है। रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में सबसे अधिक एफडीआई चीन में आया और यहां पूंजी प्रवाह चार प्रतिशत बढ़कर 163 अरब डॉलर हो गया।

परोड़क्शन हब एशिया महादवीप
दुनिया के गति विकसीत देशों की ओर बढ़ रही है, आने वाला समय FDI इन दोनों मे देखने को मिलेगा। विश्व बैंक कि रिपोर्ट के मुताबिक भविश की गति एशिय़ा के देशों की होगी। आने वाले परोड़क्शन हब एशिया महादवीप ही होगा।