नई दिल्ली : Sold Crop उत्तर प्रदेश के किसानों की आमदनी बढ़ी या घटी लेकिन किसानों का कर्ज दिनों दिन बढ़ता ही जा रहा है। किसानों पर बैंकों के कर्ज में एक पैसे की भी कमी नहीं होती है। उल्टा किसानों पर बैंकों का कर्ज बढ़ता ही जा रहा है। पिछले साल कि बात करें तो किसानों ने केवल चीनी मिलों व सरकार को गन्ने, गेहूं व धान की पांच हजार करोड़ से अधिक की फसल बेची थी।
Sold Crop कर्ज कम नहीं होता
किसानों ने इसके आलाव बाकी भी कुछ न कुछ व्यवसाय भी साथ किया है लेकिन इसके बाद भी किसानों पर कर्ज कम नहीं होता है। जैसे बिजनौर जिले कि ही बात करें तो करीब चार लाख किसान परिवार हैं। किसान गन्ना, गेहूं, धान के अलावा सब्जियों की खेती प्रमुखता से करते हैं। कुछ किसान अब केले, पॉपुलर आदि की फसलों का भी रुख कर रहे हैं।

किसानो की आमदनी
किसानों को इन फसलों को बेचकर अच्छी आमदनी हो जाती है। इस आमदनी में किसान को या तो बैंक से कर्ज नहीं लेना चाहिए और अगर कर्ज लेना पड़ जाता है तो वह उस कर्ज को जल्दी उतार सकता है। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। किसानों पर कर्ज का बोझ लगातार बढ़ता चला जा रहा है। जिले के किसानों पर दिसंबर 2019 में पांच हजार 63 करोड़ रुपये का कर्ज था। जो कि पिछले पेराई सत्र में किसानों पर करीब 3700 करोड़ रुपये का गन्ना मिलों को बेचा था। इस साल भी किसानों करीब 950 करोड़ रुपये का गन्ना भुगतान मिल चुका है।
इसके अलावा किसानों ने सरकार को अरबों रुपये का गेहूं व चावल भी बेचा है। यह वह हिसाब है जो रिकॉर्ड में है। किसानों ने क्रेशरों पर भी कई लाख क्विंटल गन्ना, गेहूं, चावल भी बेचा, फिर भी किसानों पर कर्ज कम होने के बजाए बढ़ गया है। जिले के किसानों पर दिसंबर 2020 तक 5384 करोड़ रुपये का कर्ज है।
सरकार की योजनाएं
सरकार जो योजनाएं बनाती उनसे किसानो को कोई फायदा नही हो रहा है। इससे यह पता चलता है कि सरकारी योजनाऔं में कुछ इस तरह की कमी होती जा रही ,उसको पिछली सरकारो के साथ साथआब की सरकार भी दुर नही कर पा रही है। सही चिजो को जमीन पर सही ढग से लागू ना कर पाना है। किसी भी योजना पर समय के साथ काम करना ओर योजनऔं को गराऊंड़ पर लागू करना है।
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