नई दिल्ली:– नए कृषि कानूनों को हानिकारक बताते हुए कुछ किसान जहां इसका विरोध कर रहे हैं तो वहीं करीब 20,000 किसान इसके समर्थन में भी उतर आए हैं। इनके समर्थन में अलीगढ़, बुलंदशहर, गाजियाबाद व ग्रेटर नोएडा से सैकड़ों किसान ट्रैक्टर ट्रॉलियों और गाड़ियों के साथ दिल्ली की ओर कूच कर रहे हैं। किसान संघर्ष समिति (नोएडा) व आगरा से किसान सेना के बैनर तले सैकड़ों किसान बृहस्पतिवार को ट्रैक्टर ट्राली व चार पहिया वाहनों के साथ दिल्ली कूच करने के लिए नोएडा पहुंचे.
बता दें कि किसान गुट दिल्ली जाकर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मिलकर उन्हें कृषि कानून के समर्थन में ज्ञापन सौंपना चाहते थे, लेकिन महामाया फ्लाईओवर के पास बैरिकेड लगाकर खड़ी पुलिस ने उन्हें आगे जाने से रोक लिया।इससे नाराज किसान सड़क पर बैठ कर कृषि कानूनों के समर्थन में नारेबाजी करने लगे. इस दौरान लोगों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हाे इसलिए ट्रैफिक को डायवर्ट कर दिया है।

आखिर क्याें कर रहे है किसान विराेध?
बता दें कि केन्द्र सरकार सितम्बर में पारित किए तीन नए कृषि कानूनों को कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के तौर पर पेश कर रही है, वहीं प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आशंका जताई है कि नए कानूनों से एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) और मंडी व्यवस्था खत्म हो जाएगी और वे बड़े कॉरपोरेट पर निर्भर हो जाएंगे।
गौर करने बात है कि केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों को लेकर विराेध अब भी बरकरार है। कानूनों को रद्द कराने पर अड़े किसान इस मुद्दे पर सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर चुके हैं, किसानों ने सरकार से जल्द उनकी मांगें मानने की अपील की है. वहीं सरकार की तरफ से यह साफ कर दिया गया है कि कानून वापस नहीं होगा, लेकिन संशोधन संभव है।
संगठन महासचिव महेश अवाना ने बताया कि केंद्र सरकार नए कृषि कानूनों से किसानों को संपन्न बनाना चाहती है। देश का किसान किसी भी जगह अपनी फसल बेच सकता है। सरकार को किसी राजनीतिक दबाव में आने की जरूरत नहीं है, जो लोग इस कानून के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं वह किसान नहीं है।
किसान सेना के लगभग 20,000 किसान कृषि क़ानून के समर्थन में-
बता दें कि किसान सेना के लगभग 20,000 सदस्य केंद्र के कृषि क़ानून के समर्थन में पश्चिमी उत्तर प्रदेश से दिल्ली तक मार्च करेंगे. जिससे लगभग एक महीने तक शहर की सीमाओं के आसपास डेरा डाले हुए हजारों किसानों के साथ आमना-सामना होने की उम्मीद की जा रही है.
बता दें कि किसान हाल ही बनाए गए तीन नए कृषि कानूनों – द प्रोड्यूसर्स ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन) एक्ट, 2020, द फार्मर्स ( एम्पावरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑन प्राइस एश्योरेंस एंड फार्म सर्विसेज एक्ट, 2020 और द एसेंशियल कमोडिटीज (एमेंडमेंट) एक्ट, 2020 का विरोध कर रहे हैं।