नई दिल्ली: देशभर में काफी समय से किसान कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं. बड़ी तादात में किसान एकजुट होकर कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं, तो वहीं दूसरी और हरियाणा के जींद जिले का एक किसान मोती की खेती कर मिसाल कायम कर रहा है. बता दें कि पोली गांव निवासी किसान शमशेर मलिक ने एक कंपनी से अनुबंध पर मोती की खेती करके अपनी आमदनी बढ़ा ली है।

मोती की खेती से शमशेर कि हर महीने करीब 50 हजार रुपये तक आय बढ़ गई है, शमशेर मलिक ने बताया कि उनकी स्पेयर पार्ट्स की दुकान है, लेकिन उससे ज्यादा मुनाफा नहीं हो पाता था।
इंटरनेट से सीखा कमाई का तरीका-
जिसके बाद . शमशेर ने इंटरनेट से कमाई के नए तरीके ढूंढे. शमशेर के पास जमीन कम थी, तो ऐसे में उसने अलग तरीका अपनाया. शमशेर ने पावन धरती नाम की कंपनी से अनुबंध करके साढ़े पांच लाख रुपये खर्च किए।

जिसके बदले कंपनी ने किसान के घर पर ही 280 स्क्वेयर फुट का एक टैंक बनवाया, टैंक में करीब 12 हजार सीप डाली गई हैं, जिसमें मोती तैयार हो रहे हैं. हालाकी मोती तैयार होने में करीब एक साल का समय लगेगा. कंपनी उसे हर हफ्ते साढ़े बारह हजार रुपये दे रही है, और इसके अलावा हर महीने पांच हजार रुपये उसे सीप फार्म की रखवाली और बिजली बिल के भी मिल रहे हैं।
एक मोती की कीमत 160 रुपये-
शमशेर ने बताया कि उसके पास 12 हजार सीप हैं, एक सीप से चार से पांच मोती तैयार होती हैं. और एक मोती की कीमत 160 रुपये है. बता दें कि कंपनी के साथ उसका दो साल का अनुबंध है, जिसकी उसे कोर्ट द्वारा साढ़े पांच लाख की गारंटी के तौर पर कई प्लॉटों की रजिस्ट्री मिली है. इसके साथ ही सीप की देखरेख करने हर सप्ताह चिकित्सकों की टीम आती है, जिसका खर्च कंपनी ही वहन करती है. कंपनी मोती तैयार होने के बाद पूरी बिक्री राशि का पांच प्रतिशत शमशेर मलिक को अलग से देगी।