नई दिल्ली : समाजवादी पार्टी के शासनकाल में हुए बहुचर्चित खनन घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को बड़ी कार्रवाई की। ईडी ने समाजवादी पार्टी सरकार के पूर्व मंत्री व खनन घोटाले के आरोपित गायत्री प्रसाद प्रजापति के ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की। लखनऊ, कानपुर और अमेठी में सात स्थानों पर ईडी ने छापा मारा और देर रात तक छानबीन जारी रही।

छापेमारी के दौरान गायत्री के आफिस से 11 लाख रुपये के पुराने नोट, पांच लाख रुपये कीमत के सादे स्टांप पेपर, 1.50 लाख रुपये बरामद किए हैं। इसके अलावा करीब 100 संपत्तियों के दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं। इनमें कई बेनामी संपत्तियां भी शामिल हैं।
कई जगह हुई छापेमारी-
ईडी लखनऊ आफिस के जोनल डायरेक्टर राजेश्वर सिंह के निर्देश पर बुधवार सुबह करीब 10 बजे तीन शहरों में छापेमारी की कार्रवाई शुरू हुई। ईडी की टीमों ने एकसाथ अलग-अलग स्थानों पर छापेमारी की कार्रवाई शुरू की थी, जो देर रात तक जारी रही। ईडी लखनऊ व प्रयागराज यूनिट के अफसरों ने पुलिस बल के साथ गायत्री व उनके सीए के अलावा कुछ करीबियों के ठिकानों पर भी छानबीन की।
बेनामी सम्पत्तियाँ खरीदी-
अमेठी निवासी एक करीबी के नाम पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति ने कई बेनामी संपत्तियां खरीदी थीं। खनन घोटाले की जांच के दौरान ईडी को कई बेनामी संपत्तियां खरीदने जाने की पुष्टि हुई थी। सूत्रों के अनुसार गायत्री और उनके पुत्र की कंपनी एमजे कॉलोनाइजर्स के जरिए अवैध खनन की काली कमाई को कई बेनामी संपत्तियों में लगाया गया था।
करीबियों के नाम पर संपत्तियों को खरीदा-
पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के ठिकानों से संपत्तियों के जो दस्तावेज बरामद किए गए हैं, उनकी रजिस्ट्री बेहद कम मूल्य में कराई गई थी। ईडी अब इन संपत्तियों की असली कीमत का मूल्यांकन भी करेगी। गायत्री ने अपने परिवारीजन व करीबियों के नाम इन संपत्तियों को खरीदा था। ईडी के अफसरों के अनुसार छापेमारी में लखनऊ, कानपुर, सीतापुर व मुंबई में खरीदी गई संपत्तियों के दस्तावेज मिले हैं।