नई दिल्ली: Boycott China, एक तरफ भारत-चीन सीमा पर पिछले कई महिनों से टकराव की स्थिती बनी हुई है। वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वोकल फॉर लोकल का नारा भी सबको याद होगा। जिसमें उन्होंने स्थानीय समानों को विश्नस्तरीय पहचान देने की बात की थी।
Boycott China व्यापार में कमी आने के बजाये हुआ इजाफा
जिसमें उन्होंने लोकल सामानों की ही खरीददारी में प्राथमिकता देने की लोगों से अपील कई बार की है। लेकिन बीते साल के आंकड़े ठीक इसके उलट बयां करता है। जिसमें यह सामने आया है कि भारत के साथ चीन की ट्रेड में कमी आने के बजाये इजाफा ही हुआ है।
बता दें कि पूर्वी लद्दाख में पिछले साल भारत और चीन के बीच झड़पें भी हुई थी। जिसके बाद देश भर में चीन के खिलाफ माहौल भी बना। आमजनों से चीनी प्रोडक्ट के बॉयकाट करने की अपील भी कई बार की गई।
चीन को लेकर स्ट्रेटेजी में करना होगा बदलाव
वहीं पीएम के वोकल फॉर लोकल का नारा भी इसी संदर्भ में देखा गया। इसके बावजूद चीन के साथ व्यापार में तेजी आई है। जिसके बाद एक सवाल फिर उठने लगा। कहीं न कहीं एक बार फिर चीन को लेकर स्ट्रेटेजी में बदलाव करना होगा। अगर आंकड़ें की बात करें तो अप्रैल से नवंबर 2020 के बीच भारत में चीन के तरफ से आयात में 3.3 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। जबकि निर्यात में भी चीन की हिस्सेदारी 2.5 फीसदी बढ़ी ही है।

उल्लेखनीय है कि यह आंकड़ा कॉमर्स मंत्रालय ने दी है। मंत्रालय ने बताया कि दोनों देशों के बीच कपड़े,ऑर्गेनिक केमिकल,फार्मा प्रोडक्ट,सर्जिकल और केमिकल के सामानों का व्यापार हुआ है। लेकिन इतना तो साफ है कि चीन के तरफ से भारत में निवेश में भारी कमी आई है।
चीनी निवेश में आई है कमी
साल 2017-18 में जहां चीन ने 350 मिलियन अमेरिकी डॉलर निवेश किया था। वहीं अब यह घटकर 164 मिलियन डॉलर हो गया है। बता दें कि भारत सरकार ने चीनी निवेश को लेकर पहले ही साफ कर दिया है कि सरकार की अनुमति से ही निवेश संभव होगा। जिसके बाद से ही चीनी निवेश को गहरा धक्का लगा है।
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