नितिशा के हौसलों के आगे न कैंसर टिका न कोरोना, कुछ इस तरह दी बीमारियों को मात

nitisha yadav news
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नई दिल्लीः कोरोना और कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जंग जीतने वाली बेगमपुर निवासी नितिशा यादव (39) वाकई लोगो के लिए प्रेरणा का सबब हैं. नितिशा एक साल से इन दोनों बीमारियों से लड़ रही हैं और बखूबी जीत रही हैं। पहले कोरोना, फिर कैंसर, सर्जरी, कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी और फिर से कोरोना। इस सबने शरीर को जितना कमजोर किया, मन उतना ही मजबूत होता गया।

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सेकेंड स्टेज ब्रेस्ट कैंसर

बता दें की नितिशा बेगमपुर स्थित इंद्रप्रस्थ स्कूल में प्रिंसिपल हैं. कोरोना महामारी के इस मुश्किल दौर में नितिशा की यह कहानी लोगों के लिए उम्मीद की इम्यूनिटी साबित हो सकती है। पिछले साल जुलाई में वे कोरोना संक्रमित हुई थीं। उन्होंने होम आइसोलेशन में रहकर इलाज करवाया और एक माह में कोरोना को मात दी। अभी वे कोरोना के दुष्प्रभावों से उबर भी नहीं पाई थीं कि अगस्त में उन्हें सेकेंड स्टेज के ब्रेस्ट कैंसर होने का पता चला।

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खाने-पीने में तकलीफ

घर वाले बुरी तरह से परेशान हो गए। वह ऐसा दौर था जब अस्पताल जाने में लोगों के हाथ पैर कांपते थे। सितंबर में सर्जरी करवाई। अक्टूबर 2020 से फरवरी 2021 के बीच आठ कीमोथेरेपी हुई। मार्च से अप्रैल तक रेडिएशन थेरेपी।इसके लिए एक माह तक रोज राजीव गांधी कैंसर अस्पताल जाना पड़ा। इस दौरान गले की फूड पाइप में सूजन आई हुई थी, जिससे खाने-पीने में बहुत तकलीफ होती थी। इस कमजोरी से उबरने से पहले ही 20 अप्रैल 21 को उन्हें फिर से कोरोना हो गया ।

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फिर जीती कोरोना से जंग

नितिशा ने बताया कि इतनी मुश्किलों के बीच एक बार फिर से कोरोना होना बहुत बड़ा झटका था। इतना झेलने के बाद अपनी चिंता तो रही नहीं थी, लेकिन घर-परिवार के बारे में सोचकर हिम्मत डगमगाने लगती थी। होम आइसोलेशन में इलाज कराया और एक बार फिर से कोरोना पर जीत हासिल की। अभी कैंसर की हार्मोनल थेरेपी चल रही है, जिसमें तमाम दवाएं दी जाती हैं। नितिशा संयुक्त परिवार में रहती हैं।

 

 

 

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