नई दिल्लीः 26 जनवरी को किसान संगठनों द्वारा लाल किले पर हुई हिंसा के मामले में दिल्ली पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल किया है. पुलिस के आरोप पत्र में बताया गया है कि 26 जनवरी को लाल किले पर उपद्रवी न केवल ऐतिहासिक स्मारक पर कब्जा कर उस पर निशान साहिब का झंडा फहराना चाहते थे बल्कि नए कृषि कानूनों के विरोध में इसे एक नया प्रदर्शन स्थल भी बनाना चाहते थे। और इस करतूत की योजना नवंबर – दिसंबर में ही किसान नेताओं के यहां तैयार की गई थी।
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दिल्ली पुलिस का आरोप पत्र
आरोप पत्र में बताया गया है कि भीड़ जुटाने के लिए युवाओं को पैसों का लालच दिया गया। इसके अलावा पंजाब और हरियाणा में भारी संख्या में ट्रैक्टर भी खरीदे गए थे। तीन हजार दो सौ 23 पन्ने के आरोप पत्र में दिल्ली पुलिस ने बताया कि कैसे नए कृषि कानूनों के विरोध में उपद्रवियों ने पूर्व नियोजित साजिश रच कर उसे अंजाम दिया। पुलिस ने आरोप पत्र में कहा है कि उपद्रवियों ने जानबूझकर 26 जनवरी यानि गणतंत्र दिवस का दिन चुना था ।

खालिस्तानी समर्थक संगठन
आरोपित इकबाल सिंह से पूछताछ में पता चला है कि लाल किले की प्राचीर पर निशान साहिब फहराने में सफल होने पर खालिस्तानी समर्थक संगठन सिख फार जस्टिस ने उसे पैसे देने का वादा किया था। इसके लिए पुलिस ने एक आडियो का भी हवाला दिया है जिसमें इकबाल सिंह की बेटी अपने एक रिश्तेदार से बात करते हुए कह रही है कि उन्हें 50 लाख रुपये मिलेंगे।पुलिस ने बताया है कि इकबाल सिंह 19 जनवरी को पंजाब के तरन तारन में एक बैठक में भाग लेने गया था। हिंसा के दौरान लाल किले की प्राचीर पर निशान साहिब फहराने वाले अधिकतर आरोपित भी तरनतारन के हैं।
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मामले में विस्तृत जांच
पुलिस ने उन सभी आरोपितों की पहचान की हैं। पुलिस अभी इस मामले में विस्तृत जांच कर रही है। भीड़ को आरोपित दीप सिद्धू ने भड़काने का काम किया। उसने हिंसा वाले दिन और उससे पहले भी कई बार भीड़ को हिंसा में शामिल होने के लिए सक्रिय रूप से उकसाया था। कई किसान संगठनों के नेता भी वीडियो में बोल रहे हैं कि ट्रैक्टर रैली उस रूट पर नहीं जाएगी जिस पर सहमति हुई है, यदि पुलिस ने उन्हें रोका तो वे बैरिकेड्स तोड़कर दिल्ली में प्रवेश करेंगे। दिल्ली पुलिस ने 16 आरोपितों के खिलाफ 17 मई को तीस हजारी कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया था। इनमें 13 आरोपितों को जमानत मिल चुकी है।