नई दिल्ली : दिल्ली विधानसभा बजट सत्र 8 मार्च से शुरू होने जा रहा है। ये 8 दिवसीय बजट सत्र होगा। 16 मार्च को बजट सत्र का आखिरी दिन होगा। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री सह-वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी है। सोमवार को ही दिल्ली कैबिनेट ने 8 मार्च से बजट सत्र शुरू करने के फैसले पर मुहर लगाई है।

स्वास्थ्य सुविधाएं पर होगा खास ध्यान
मनीष सिसोदिया दिल्ली के वित्तमंत्री के रूप में साल 2021-22 का बजट पेश करेंगे। इस दौरान दिल्ली सरकार आर्थिकि समीक्षा के साथ बजट पेश करने जा रही है। ये 7वीं बार होगा जब सिसोदिया वित्त मंत्री के रूप में बजट पेश करेंगे। दिल्लीवालों को इस बजट से काफी उम्मीदें है। माना जा रहा है कि इस बजट में स्वास्थ्य सुविधाएं और दुरुस्त करने को लेकर काफी कुछ हो सकता है। इसके साथ ही दिल्ली वालों को कई योजनाएं भी उपहार स्वरूप मिल सकती है। दिल्ली सराकर का फोकस शुरुआत से आम जनता की बुनियादी सुविधाओं पर रहा है।
दिल्ली सराकर की सुविधा
दिल्ली सराकर सस्ती बिजली, पानी, महिलाओं के लिए फ्री बस यात्रा, शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व बदलाव और कई प्रकार की योजनाएं, मोहल्ला क्लीनिक और नए अस्पतालों का निर्माण, हाईटैक सार्वजनिक परिवहन की सुविधा पहले से ही दिल्लीवासियों को दे चुकी है। इसके साथ ही अब सरकार प्रदूषण को कम करने के लिए भी गंभीर है और लगातार इसके लिए कदम उठा रही है।

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डीटीसी बसें होंगी इलेक्ट्रिक
दिल्ली सरकार इलेक्ट्रिक वाहन पॉलिसी भी लेकर आई है। इसके अलावा दिल्ली सराकर के सारे वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहन में तब्दील करने का फैसला सराकर ले चुकी है। वहीं अब डीटीसी बसों को भी इलेक्ट्रिक करने का निर्णय लिया जा चुका है। डीटीसी बोर्ड ने उस कंपनी के नाम पर मुहर लगा दी है, जिस कंपनी को 300 इलेक्ट्रिक बसों के लिए टेंडर मिला है। ये बसें अत्याधुनिक और वाताकूलित होंगी। ये बसें 12 मीटर लंबी होंगी। बोर्ड की अनुमति के बाद अब इसे कैबिनेट में लाया जाएगा।

बसों की खरीद के लिए धनराशि मंजूरी
कैबिनेट की अनुमति के बाद संबंधित कंपनी छह माह के अंदर बसें लेकर आएगी। इस हिसाब से माना जा रहा है कि ये बसें अक्टूबर से आनी शुरू हो जाएंगी और सभी बसें अगले साल फरवरी तक दिल्ली की सड़कों पर उतर जाएंगी। इसके अलावा डीटीसी बोर्ड ने 1000 एसी लो फ्लोर सीएनजी (बीएस-6 ) बसों की खरीद के लिए भी धनराशि को मंजूरी दी है। कोरोना के कारण इस बार सरकार को रिवेन्यू में भी नुकासन उठाना पड़ा है। वहीं रोजगार की भी एक बड़ी समस्या उत्पन्न हुई है। ऐसे में इस बजट सत्र में दिल्ली की केजरीवाल सराकर क्या कुछ लेकर आती है इस पर सभी की नजर टिकी हुई है।