नई दिल्ली: घर से बाहर घूमने वाले लोगों ने भारी भरकम चालान के डर से मास्क लगाना शुरू कर दिया है, लेकिन बाजारों में अनियंत्रित भीड़ को संभालना परेशानी का सबब बना हुआ है। बाजारो में इस कदर भीड़ है कि लोगों का पैदल चलना मुश्किल था। इससे संक्रमण का खतरा भी बड़ रहा है।
दिल्ली के बाजारों की स्थिति
सरोजनी-
बाजार में त्योहारों के सीजन से भी अधिक भीड़ नजर आ रही थी। यहां ऐसा लगा कि जैसे पूरी दिल्ली सरोजनी नगर बाजार में आ गई हो बाजार के सामने की सड़क बेतरतीब वाहनों की पार्किंग के चलते जाम थी। बाजार के सामने स्थित तीनों सेक्टर रोड भी पार्किंग में तब्दील हो चुके थे. मुख्य द्वार पर अफरातफरी जैसा माहौल था बाजार के अंदर जाने के लिए लोग संकरे रास्ते का इस्तेमाल कर रहे थे. यहां पर खराब पड़ी मेटल डिटेक्टर मशीन केवल दिखावे के लिए लगी हुई है। बाजार में जमीन पर कपड़े बिछाए दुकानदार ग्राहकों को अपनी तरफ बुला रहे थे कई जगह लोग एक-दूसरे को छू कर सामान खरीदने की गुजारिश भी कर रहे थे। यहां सब कुछ वैसे ही चल रहा था जैसे कोरोना महामारी के पहले चलता था। बाजार के बाहर इक्का-दुक्का पुलिसकर्मी घूमते नजर आए, लेकिन अंदर अनियंत्रित भीड़ को संभालने वाला कोई नहीं था।

लक्ष्मी नगर-
बाजार की 40 फुटा प्रमुख सड़क पर दोनों ओर बाइकों की पार्किंग की गई थी. मुश्किल से 10 फुट सड़क आने-जाने के लिए बची थी इसी से ही ई-रिक्शा, माल लाने ले जाने वाले टेंपो, छोटे निजी वाहन आ जा रहे थे, जिस कारण यहां जाम लगा था। सड़क के दोनों तरफ कपड़े, ज्वैलरी, बर्तन व खाने-पीने के साथ-साथ अन्य दुकानों पर लोगों की भीड़ थी। सड़क के मुहाने पर इकलौता सिविल डिफेंस का गार्ड भीड़ को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहा था, लेकिन इससे लोगों पर खास असर पड़ता दिखाई नहीं दे रहा था। क्योंकि, बाजार में इस कदर भीड़ थी कि लोग चाहते हुए भी तेजी से आगे नहीं बढ़ सकते थे। ज्यादातर लोगों के चेहरों पर मास्क लगे थे कई लोग ऐसे भी दिखाई दिए जिन्होंने खुद तो मास्क लगा रखा था, लेकिन उनके साथ आए बच्चों के चेहरों से मास्क गायब था। अनियंत्रित भीड़ पर नजर रखने के लिए दिल्ली पुलिस की तरफ से एक भी सुरक्षाकर्मी मौजूद नहीं था। स्थानीय पुलिस स्टेशन से पता चला कि यहां तैनात लोग लक्ष्मी नगर पुस्ता रोड पर बिना मास्क लगाए घूम रहे लोगों का चालान करने में व्यस्त हैं। इसलिए बाजार में कोई नहीं है.
लाजपत नगर-
बाजार में जबरदस्त भीड़ को देखकर ऐसा लगा कि जैसे लोगों को कोरोना का कोई भय ही नहीं है। हालांकि, पिछले हफ्ते की अपेक्षा यहां पर अधिकतर लोग मास्क लगाए घूमते नजर आए. शायद ऐसा इसलिए था कि सरकार ने बिना मास्क लगाए लोगों से 500 के बजाय 2000 रुपये का चालान वसूलने का सख्त नियम बनाया है बेतहाशा भीड़ देखकर ऐसा लग रहा था कि जैसे लोगों का यह समझना अभी भी बाकी है कि उन्हें मास्क चालान से बचने के लिए नहीं, बल्कि कोरोना से बचने के लिए लगाना जरूरी है। कपड़ों के दुकानदार अरविंद ने बताया कि शाम के समय बाजार में इससे भी अधिक भीड़ होती है हालांकि, कोरोना के कारण इन दिनों कम भीड़ हो रही है। बाजार में युवा वर्ग के साथ-साथ बड़ी संख्या में बुजुर्ग और बच्चे भी घूमते नजर आए।