उच्चतम न्यायालय अब धर्म परिवर्तन से जुड़े सभी कानूनों की संवैधानिक वैधता की समीक्षा करने जा रहा है। आपको बता दें की कोर्ट में बुधवार को लव जिहाद कानून से जुड़े मसले पर सुनवाई हुई। हालांकि, कोर्ट ने इस कानुन पर फिलहाल रोक लगाने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार के साथ उत्तराखंड सरकार को भी लव जिहाद से जुड़े कानूनों को लेकर नोटिस जारी किया है.

यही कारण है कि यूपी और उत्तराखंड राज्य सरकार को नोटिस जारी कर उनका पक्ष मांगा गया है। आज सुनवाई के दौरान केन्द्र सरकार के वकील तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि पहले से ही इस मामलों में हाइकोर्ट सुनवाई कर रहा है, जिस पर अदालत ने हाइकोर्ट ना जाकर सीधे सर्वोच्च अदालत का दरवाजा खटखटाने का कारण पूछा और याचिकाकर्ता की ओर से हाइकोर्ट जाने की बजाय सीधे सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने पर अदालत ने खेद प्रकट की ।
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही उत्तर प्रदेश सरकार ने धर्म परिवर्तन से जुड़े एक अध्यादेश को मंजूरी दी थी. इसके तहत जबरन धर्म परिवर्तन कराने, लालच देकर या शादी का झांसा देकर धर्म बदलवाने वालों को कड़ी सजा और जुर्माने का प्रावधान किया गया है. ज्ञात हो की उत्तर प्रदेश के बाद मध्य प्रदेश ने भी ऐसा ही एक अध्यादेश लागू किया गया है। जिसमे पांच लाख के जुर्माने के साथ-साथ दस साल तक की सजा का भी प्रावधान है.