नई दिल्ली : कोरोना वायरस से पूरी दुनिया दहशत में है. लोग इस वक्त बस वैक्सीन का इंतजार कर रहे हैं लोगों को सबसे ज्यादा जरूरत है पुख्ता इलाज की. हाल ही में दवा बनाने वाली दो कंपनियों ने दावा किया है कि वो बहुत जल्द अपनी कोविड-19 वैक्सीन को बाजार में ला देंगे. ताकि आपातकालीन स्थिति में उनका उपयोग कोरोना के मरीज कर सकें. आपको बता दें कि दुनिया भर में कोरोना वायरस कोविड-19 की वैक्सीन के लिए वैज्ञानिकों की करीब 100 टीम काम कर रही हैं. जल्द ही हमें वैक्सीन मिल सकती है.

ये टीमें करीब 50 ऐसी वैक्सीन पर काम कर रही हैं जो अलग-अलग स्तर पर पहुंच चुकी हैं. लेकिन इनमें से सिर्फ 5 ऐसी हैं जो अपने लक्ष्य के करीब हैं. यानी फेज-3 ट्रायल या फिर यूं कहें कि ह्यूमन ट्रायल यानी इंसानों पर परीक्षण कहते हैं. आइए जानते हैं इन 5 वैक्सीन के बारे में कि ये कहां बन रही हैं? कौन बना रहा है और ये क्या करेंगी। और कितना समय लग सकता है?
स्पुतनिक-पांच (Russia):

स्पुतनिक-पांच (Sputnik-V) को रूस की गामालेया रिसर्च इंस्टीट्यूट और आसेललेना कॉन्ट्रैक्ट ड्रग रिसर्च एंड डेवलपमेंट ने मिलकर बनाया है. रूस की सरकार और दवा कंपनी का दावा है कि यह वैक्सीन सफल है. ऐसा कहा जा रहा है कि रूस में लोगों को ये वैक्सीन दी भी जा रही है. यहां तक राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उनके परिवार ने भी इस वैक्सीन की डोज ली थी. रूस की सरकार ने इस स्पुतनिक-पांच को दुनिया की पहली कोविड-19 वैक्सीन बताया था।
NVX-CoV2373 (Novavax):

कोरोना को हराने के लिए यह दुनिया की पहली नैनोपार्टिकल आधारित वैक्सीन है. इसे नोवावैक्स नाम की दवा कंपनी बना रही हैं. नोवावैक्स को अमेरिका के फूड एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन से फास्ट ट्रैक डेसिगनेशन के तहत काम पूरा करने की अनुमति मिली है. इसके फेज-3 का ट्रायल फिलहाल ब्रिटेन में चल रहा है. अमेरिका में इसका ट्रायल नवंबर महीने के अंत में शुरू होगा. माना जा रहा है कि ये भी एक प्रभावी कोविड-19 वैक्सीन बनकर सामने आएगी.
Covaxin (Bharat Biotech/National Institute of Virology):

भारतीय दवा कंपनी भारत बायोटेक इस वैक्सीन को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के साथ मिलकर बना रही है. इसका भी फेज-3 ट्रायल चल रहा है. ICMR के महानिदेशक 27 अक्टूबर को कोवैक्सीन के फेज-3 ट्रायल की अनुमति दी थी. उम्मीद जताई जा रही है कि इस वैक्सीन को अगले साल फरवरी में बाजार में लाया जाएगा.
CoronaVac (Sinovac):

चीन की दवा कंपनी साइनोवैक फार्मास्यूटिकल ने ये वैक्सीन बनाई है. यह इनएक्टीवेटेड वैक्सीन (फॉर्मेलीन और एलम एडजुवेंट) आधारित इलाज पद्धत्ति पर बनाई गई है. इसके फेज-3 का ट्रायल साइनोवैक रिसर्च एंड डेवलपमेंट को. लिमिटेड करवा रहा है. कंपनी का दावा है कि उनकी वैक्सीन सेफ है. ब्राजील में एक मरीज की मौत के बाद ट्रायल रोक दिया गया था. लेकिन अब ये फिर से शुरू हो चुका है.
मॉडर्ना mRNA-1273 (Moderna mRNA-1273):

यह वैक्सीन भी mRNA इलाज पद्धत्ति पर आधारित है. इस वैक्सीन को दवा कंपनी मॉडर्ना बना रही है. इसका फेज-3 का ट्रायल कैसर पर्मानेंटे वॉशिंगटन हेल्थ रिसर्च इंस्टीट्यूट में हुआ है. मॉडर्ना का दावा है कि उसकी वैक्सीन कोरोना वायरस पर 94.5 फीसदी प्रभावी है. अगर अनुमति मिलती है तो ये कंपनी अपनी वैक्सीन साल के अंत तक अमेरिका समेत दुनिया के कई बाजारों में उतार देगी.