अब चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्यों की अभिव्यक्ति की आजादी पर भी लगा प्रतिबंध

china communist party news
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नई दिल्लीः चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के अंदर असंतोष व्‍यक्‍त करने पर कानूनी तौर पर प्रतिबंध लगा दिया है. दक्षिण चीन मॉर्निंग पोस्ट (एससीएमपी) की सूचना के अनुसार सीसीपी ने एक कानून की शुरुआत की है, जहां अभिव्‍यक्ति की आजादी पर कड़ा पहरा लगा दिया गया है।

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राय व्यक्त करने पर भी प्रतिबंध-

जून माई ने दक्षिण चीन मॉर्निंग पोस्ट (एससीएमपी) के लिए लिखते हुए कहा कि संशोधित नियम पुस्तिका में कैडर अपने वरिष्ठों के बारे में शिकायत कर सकते हैं, लेकिन उन्हें इस सूचना को सार्वजनिक रूप से प्रसारित करने से प्रतिबंधित किया गया है. इसके साथ उन लोगों की राय व्यक्त करने पर भी प्रतिबंध लगाया गया था जो केंद्रीय नेतृत्व के फैसलों के अनुरूप नहीं हैं।

चिनफ‍िंग की अवधारणा को संविधान में किया शामिल-

कम्‍युनिस्‍ट पार्टी के नए नियमों में आधिकारिक तौर चीन के राष्‍ट्रपति शी चिनफ‍िंग के ‘थॉट्स ऑन सोशलिज्‍म विद चाइनिज कैरेक्‍ट्रीज फॉर ए न्‍यू ऐरा’ के विचारों एवं संदर्भों को शामिल किया गया है. चिनफ‍िंग की इस अवधारणा को संविधान में शामिल किया गया है. जुलाई में कम्युनिस्ट पार्टी की शताब्दी के छह महीने पहले ही नए नियम जारी किए गए थे और 16 साल पहले अंतिम रूप से अपडेट की गई पार्टी रूल बुक में नई जान डालने का प्रयास किया गया है।

अनुच्‍छेदों में हुए कठोर प्रावधान-

नए नियम के अनुच्‍छेद 11 में कहा गया है कि पार्टी के सदस्‍य दुराचार की रिपोर्ट करने के हकदार हैं. वह उच्‍च रैंक रखने वाले लोगों के खिलाफ शिकायत कर सकते हैं, लेकिन इस प्रकार की शिकायत को इंटरनेट पर नहीं प्रसारित करना चाहिए. कम्‍युनिस्‍ट पार्टी सदस्यों के अधिकारों की सुरक्षा पर संशोधित नियम के अनुच्‍छेद 16 में कहा गया है कि केंद्रीय नेतृत्‍व द्वारा लिए गए निर्णयों के साथ असंगत होने पर पार्टी के सदस्‍यों को सार्वजनिक तौर पर राय नहीं व्‍यक्‍त करनी चाहिए।

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