PM मोदी के सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को सुप्रीम कोर्ट ने दी मंजूरी

central vista project
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नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने आज मोदी सरकार के नए संसद भवन सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को हरी झंडी दे दी है. इस प्रोजेक्ट के तहत संसद की नई इमारत का निर्माण हो रहा है. कोर्ट ने पर्यावरण कमेटी की रिपोर्ट के नियमों को भी अनुरुप माना है. कोर्ट ने लैंड यूज चेंज करने के इल्जाम की वजह से सेंट्रल विस्टा की वैधता पर सवाल खड़े करने वाली याचिका को फिलहाल लंबित रखा है।

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बता दें की जस्टिस एएम खानविल्कर, दिनेश माहेश्वरी और संजीव खन्ना की तीन जजों की बेंच ने मंगलवार को अपना फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि हम सेंट्रल विस्टा परियोजना को मंजूरी देते समय पर्यावरण मंत्रालय द्वारा दी गई सिफारिशों को बरकरार रखते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि निर्माण कार्य शुरू करने के लिए धरोहर संरक्षण समिति की स्वीकृति आवश्यक है।

दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में केंद्र सरकार से कहा कि निर्माण शुरू करने से पहले सरकार हेरिटेज कंजर्वेशन कमेटी की मंजूरी ले. तीन जजों की बेंच में फैसला दो एक के बहुमत में है. जस्टिस संजीव खन्ना ने कुछ बिंदुओं पर अलग विचार रखे हैं. उन्होंने प्रोजेक्ट की हिमायत की है, लेकिन लैंड यूज में बदलाव से सहमत नहीं हैं. उनका मानना है कि यह परियोजना शुरू करने से पहले हेरिटेज कंजर्वेशन कमेटी की मंजूरी लेनी जरूरी थी।

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गौरतलब है कि पिछले दिनों ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई संसद की आधारशिला रखी थी. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि उसे शिलान्यास करने पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने तक कोई निर्माण, तोड़फोड़ या पेड़ गिराने या स्थानांतरित करने का काम ना हो. अब सुप्रीम कोर्ट लैंड यूज मामले में सुनवाई करेगा।

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