नई दिल्लीः हाल ही में उत्तर प्रदेश के मेरठ से एक अनोखी खबर सामने आयी है. जिसमें भैंस की तेरहवीं आयोजित की जा रही है. और इस मौके पर पूरे गांव को तेरहवीं की दावत दी गई है. साथ ही पूरे विधि-विधान से सभी ग्रामीणों ने भैंस को श्रद्धांजलि दी।

सुभाष के लिए बेहद खास थी उनकी भैंस-
दरअसल मोहम्मद शाकिस्त गांव के रहने वाले सुभाष पेशे से किसान हैं, और इन्होंने पिछले 32 साल से एक ही भैंस पाली हुई थी. सुभाष ने बचपन से ही इस भैंस को पाला था. इसलिए उन्हें इससे खास लगाव था और इसे कभी नहीं बेचा. भैंस ने काफी समय से दूध देना बंद कर दिया था. भैंस के इलाज के लिए सुभाष ने काफी पैसे भी खर्च किये. लेकिन वो अपनी इस भैंस को बचा नहीं सके।

पूरे गांव को खिलाया तेरहवीं का प्रसाद-
बता दें की यह अनूठी तेरहवीं पूरे इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है. भैंस की मौत के बाद सुभाष के परिवार ने ढोल, नगाड़े के साथ उसे अंतिम विदाई दी गई. साथ ही उसकी तेरहवीं के लिए बकायदा टेंट, हलवाई लगाया गया और पूरे गांव को तेरहवीं का प्रसाद खिलाया गया. साथ ही भैंस के लिए एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन भी किया गया।

भैंस की आत्मा की शांति के लिए हुई प्रार्थना-
तेरहवीं में ग्रामीणों ने फोटो पर फूल माला चढ़ाकर भैंस की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की. इस मौके पर किसान सुभाष ने बताया कि वो अपनी भैंस को अपने परिवार के सदस्य की तरह ही मानते थे. लिहाजा उन्होंने अपनी भैंस के मरने के बाद उसकी आत्मा की शांति के लिए हर कर्मकांड भी किया जिससे उसको शांति मिले।