नई दिल्ली: कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया को घुटनों के बल टेकने पर मजबूर कर दिया. जिसको देखते हुए कई देश अब जैविक हथियार को युद्ध में उपयोग किये जाने के फार्मूला बना सकते हैं. ऐसे में ब्रिटेन के खुफिया अधिकारी ने दावा किया है, कि रूसी वैज्ञानिक Toledo प्रॉजेक्ट के तहत तेजी से घातक वायरस Ebola और Marburg को महाविनाश का हथियार बनाने में जुट गये हैं. रूस की खुफिया एजेंसी FSB घातक वायरस Russia Ebola Marburg Virus से जैविक हथियार बनाने की दिशा में शोध कर रही है.

Russia Ebola Marburg Virus जैविक हथियार बना रहा-
सूत्रों के अनुसार ब्रिटेन कि सैन्य एक्सपर्ट्स ने चेताया है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन बेहद घातक इबोला वायरस को महाविनाशक जैविक हथियार बना रहे हैं. जो उनके जैविक हथियार प्रॉजेक्ट का भाग है, ब्रिटेन के सैन्य एक्सपर्ट रूस की खुफिया एजेंसी FSB की यूनिट 68240 इस पूरे कार्यक्रम को संचालित कर रही है, जिसका कोड नाम Toledo है. इसी यूनिट पर पुतिन के विरोधियों को जहर देने का आरोप लगा है. ब्रिटेन के एक पूर्व सैन्य खुफिया अधिकारी को डर है कि रूस इन वायरस के शोध से आगे बढ़ चुका है. और टोलेडो प्रॉजेक्ट के तहत से हथियार बनाने के काम में लग गया है.

बता दें कि टोलेडो स्पेन का एक शहर है जो प्लेग फैलने पर श्मशान घाट में बदल गया था. यही नहीं वर्ष 1918 में फ्लू की विनाशलीला का सामना करने वाले अमेरिका के ओहियो के एक शहर का नाम भी टोलेडो है. गैर सरकारी संस्था ओपेन फैक्टो के जांचकर्ताओं के मुताबिक रूसी रक्षा मंत्रालय में एक गुप्त यूनिट है. जिसका नाम सेंट्रल रिसर्च इंस्टीट्यूट है, जो ‘दुर्लभ और घातक’ वायरस पर शोध करती है.
आपको बता दें सूत्रों के मुताबिक रूस और ब्रिटेन दोनों ही देशों की प्रयोगशालाएं जैविक और रासायनिक युद्धकला की स्टडी कर रही हैं जिससे नोविचोक जैसे जहर से अपनी सुरक्षा कैसे की जा सके।