फीते जैसे आकार में दिखता है ब्लैक फंगस, जानिए कैसे फैलता है शरीर में, ऐसे करें जांच

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कानपुर : कोरोना से उबरे लोगों में मुंह और नाक से पहुंचा म्यूकर माइकोसिस (ब्लैक फंगस) मांसपेशियों के टिश्यू को तोड़ते हुए शरीर में तेजी से संक्रमण बढ़ाता है। इसके संक्रमण की सटीक जानकारी के लिए टिश्यू बायोप्सी ही सबसे कारगर है। इसमें संक्रमित की नाक के अंदर की काली पपड़ी, साइनस या आंख की सर्जरी कर निकाले गए टिश्यू की माइक्रोस्कोप से जांच की जाती है। 24 घंटे में ही इसकी रिपोर्ट संक्रमण की सटीक स्थिति से रूबरू कराती है। इससे इलाज में आसानी में रहती है और संक्रमण बढ़ नहीं पाता है। इसमें नेजल स्वाब जांच से बचना चाहिए क्योंकि ये रिपोर्ट प्रभावी नहीं होती है।

Black Fungus Treatment
Black Fungus Treatment

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चिकित्सक ने दी जानकारी

चिकित्सक बताते हैैं कि कोरोना से उबरे अनियंत्रित मधुमेह पीडि़तों को अगर नाक और आंख में सूजन या नाक से काला पानी आने के साथ काली परत बनने लगे। इसे ब्लैक फंगस के लक्षण मानते हुए तत्काल पीडि़त को अस्पताल ले जाना चाहिए। चिकित्सक उसका अच्छी तरह से परीक्षण कर तत्काल एमआरआई जांच कराएं। अगर म्यूकर माइकोसिस के लक्षण दिखें तो डॉक्टरों की टीम की निगरानी में पीडि़त की नाक की काली पपड़ी की स्क्रेपिंग लेकर जांच बायोप्सी के लिए माइक्रोबायोलॉजी विभाग भेजी जाए। संक्रमण काफी बढ़ा होने पर उसके साइनस एवं आंख की सर्जरी कर उसके अंग की टिश्यू बायोप्सी माइक्रोबायोलॉजी विभाग जांच के लिए भेजा जाए।

जानिए कैसा दिखता है ब्लैक फंगस

सबसे पहले केओएच माउंट पर 20 डिग्री टिश्यू देखा जाए। उसके बाद टिश्यू की स्टेनिंग करके माइक्रोस्कोप पर उसे 90 डिग्री पर देखा जाए। फंगस होने पर माइक्रोस्कोप पर रिबन की तरह दिखते हैं। उसकी ब्रांचिंग 90 डिग्री के एंगल पर होती है। पुष्टि होने पर तत्काल प्रभावित अंग को सर्जरी कर हटा देना चाहिए। साथ ही एंटी फंगल दवाइयां चलाई जानी चाहिए।

कैसे फैलता है फंगस

उनका कहना है कि फंगस ऊपर एवं नीचे की तरफ तेजी से फैलता है। ऊपर की तरफ जाने पर नाक, साइनस, आॢबटल से होते हुए आंख की मसल्स के टिश्यू को तोड़ते हुए तेजी से आगे बढ़ता है। आंख से होते हुए ब्रेन तक पहुंच जाता है। ब्लैक फंगस जब खून की धमनियों और शिराओं में पहुंच जाता है तो पीडि़त की मौत तय होती है। जब नीचे की तरफ फैलता है तो सांस नली से होते हुए फेफड़े (लंग्स) में पहुंच जाता है। ऐसे में यह घातक साबित होता है।

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