नई दिल्ली- बिहार के मधुबनी जिले की बिस्फी सीट से भी द प्लूरल्स पार्टी की उम्मीदवार पुष्पम प्रिया मैदान में हैं, यहाँ से उनके खिलाफ आरजेडी से फैयाज अहमद और बीजेपी से हरिभूषण ठाकुर कैंडिडेट हैं. 2015 के विधानसभा चुनाव में यहां से आरजेडी के फैयाज अहमद लगातार दूसरी बार विधायक चुने गए थे और हैट्रिक के मकसद से किस्मत आजमा रहे हैं. पुष्पम प्रिया के उतरने से इस बार यह सीट काफी हाईप्रोफाइल मानी जा रही हैं. इस बार की चुनावी लड़ाई जोरदार है लेकिन पुष्पम प्रिया इस वक्त पीछे चल रही हैं

प्लूरल्स पर सबकी नजर-
इस बार पुष्पम प्रिया बिहार में लोगों के लिए नई उम्मीद बन कर आयी हैं जिस प्रकार उन्होंने अपने आपको चुनाव में आने वाली सीएम घोषित कर दिया विधानसभा चुनाव की मतगणना शुरू हो गई है और सबसे ज्यादा लोगों की नजर द प्लूरल्स पार्टी की प्रमुख पुष्पम प्रिया चौधरी पर है. वो बिहार की दो विधानसभा सीटों से चुनावी किस्मत आजमा रही हैं. पटना की बांकीपुर और मधुबनी की बिस्फी सीट से उतरी पुष्पम प्रिया ने स्थानीय समाचार पत्रों में विज्ञापन देकर खुद को अगला मुख्यमंत्री प्रत्याशी घोषित कर रखा था. ऐसे में देखना है कि पुष्पम प्रिया दो सीटों में से किस सीट से जीत का परचम फहराने में कामयाब रही थी.
बांकीपुर से भी प्लूरल्स पीछे-
पटना की बांकीपुर विधानसभा सीट पर द प्लूरल्स पार्टी की पुष्पम प्रिया के सामने कांग्रेस से शत्रुघ्न सिन्हा के बेटे लव सिन्हा, बीजेपी से तीन बार के विधायक नितिन नवीन हैं. नितिन नवीन के पिता नवीन किशोर सिन्हा भी यहां से कई बाहर विधायक रह चुके हैं. ऐसे ही पुष्पम प्रिया भी जेडीयू के पूर्व एमएलसी विनोद चौधरी की बेटी है. इस तरह से बांकीपुर सीट पर तीनों नेता अपने-अपने पिता की सियासी विरासत को बचाए रखने की चुनौती है. हालांकि, पुष्पम प्रिया ने बांकीपुर सीट पर नीतीश कुमार से लेकर तेजस्वी यादव सहित तमाम मुख्यमंत्री पद के दावेदारों को बांकीपुर सीट से चुनाव लड़ने के आग्रह करते हुए चुनौती थी. बीजेपी प्रत्याशी नितिन नवीन आगे चल रहे हैं और दूसरे नंबर पर लव सिन्हा हैं.
पुष्पम प्रिया चुनावी सफर-
बिहार विधानसभा चुनाव में पुष्पम प्रिया चौधरी पर प्रदेश ही नहीं बल्कि देश भर की नजर है. मूल रूप से दरभंगा की रहने वाली पुष्पम ने लंदन के मशहूर लंदन स्कूल ऑफ इकॉनमिक्स से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर्स की डिग्री ली है. लंदन रिटर्न पुष्पम को बिहार राजनीति में अकेले चुनावी मैदान में उतरी थी. हालांकि, एक समय में उनके पिता जेडीयू में थे, लेकिन इस चुनाव में पुष्पम ने अलग ही पार्टी बनाकर मैदान में उतरीं.