नई दिल्ली : कृषि कानूनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई चार कमेटी के मेंबर में शामिल और भारतीय किसान यूनियन के प्रधान भूपेंद्र सिंह मान ने कमेटी की सदस्यता आज त्याग दी है। उन्होंने ये जानकारी आज एक बयान जारी करके दी है। साथ ही उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद किया। कहा की उन्हें कमेटी में शामिल किया गया, जिसने किसानों और केंद्र सरकार के बीच तीन कृषि कानूनों को लेकर बातचीत करके रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपनी थी।

किसान हितों से नही करेगें समझौता
आगे उन्होनें कहा कि वे केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित चार सदस्यीय समिति में नामित करने के लिए आभार व्यक्त करते हैं, लेकिन वह कोई नहीं वह इस कमेटी की सदस्यता से त्याम पत्र दे रहे हैं। वे हमेशा पंजाब व किसानों के साथ खड़े हैं। मान राज्यसभा के सदस्य भी रह चुके हैं। किसान संघर्षों के लिए उनके योगदान को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें कमेटी में शामिल किया था।
कृषि कानूनों पर जारी रहेगी रोक-
ज्ञात हो की कृषि कानून पर सरकार और किसान के बीच किसी भी बात पर सहमति न बनते देख जब उच्चतम न्यायालय को बिच में आना पड़ा तो उसने मंगलवार को नए कृषि कानूनों के लागू होने पर रोक लगा दी थी। इसके साथ ही साथ कोर्ट ने 4 सदस्यों की एक कमिटी का भी गठन किया था। कोर्ट द्वारा बनाई गई कमेटी में भारतीय किसान यूनियन के भूपेंद्र सिंह मान, सेठारी संस्थान के अनिल घनवंत, कृषि वैज्ञानिक अशोक गुलाटी और अंतर्राष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान के प्रमोद के. जोशी शामिल हैं। जबतक कमेटी की रिपोर्ट नहीं आती है तबतक कृषि कानूनों के अमल पर रोक जारी रहेगी।