दिल्ली: कृषि कानूनों को लेकर सरकार अब स्थानीय भाषा का हाँथ थामेगी, केंद्र सरकार ने नए कृषि कानूनों के फायदे समझाने के लिए नई पहल की है। इसके तहत कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की ओर से किसानों के नाम लिखे आठ पन्ने के पत्र का विभिन्न स्थानीय भाषाओं में अनुवाद कर लोगों तक पहुंचाया जाएगा। इस पत्र में नए कृषि कानूनों की खूबियां विस्तार से बताई गई हैं।

अनुवाद का अनुरोध आया-
हिंदी भाषी राज्यों के किसानों के लिए लिखे पत्र को अब देशभर में प्रसारित किया जाएगा। स्थानीय भाषाओं में खूबियां समझाकर सरकार इन कानूनों के लिए समर्थन हासिल करेगी। सूत्रों ने बताया कि बहुत से गैर हिंदी भाषी राज्यों की ओर से पहले इस पत्र के अंग्रेजी अनुवाद की मांग की गई थी। बाद में कई स्थानीय भाषाओं में अनुवाद का अनुरोध आया। बंगाल, तेलंगाना, तमिलनाडु, कर्नाटक एवं केरल जैसे गैर हिंदी भाषी राज्यों के किसानों तक सरकार की मंशा और कानूनों से तथ्य रखने के लिए यह पहल की जा रही है। सरकार का मानना है कि किसानों को यह जानकारी होनी चाहिए कि नए कानून उनके हित में हैं। वाम दलों एवं कांग्रेस की ओर से कही जा रही बातें झूठ हैं।
भ्रम दूर करने की कोशिश की जायेगी-
इस खुले पत्र में कृषि मंत्री ने तीनों कानूनों की विस्तृत जानकारी देते हुए इनके बारे में फैलाए जा रहे भ्रम दूर करने की कोशिश की है। उन्होंने किसानों से आंदोलन के जरिये देश को अस्थिर करने की कोशिश कर रही देशद्रोही ताकतों के जाल में न फंसने की अपील भी की है। मंत्री का कहना है कि ऐसे लोग किसानों के पीछे छिपकर अपने राजनीतिक हित के लिए प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से अस्थिरता को बढ़ावा दे रहे हैं। गौरतलब है कि नए कृषि कानूनों के विरोध में किसान दिल्ली से सटे बॉर्डर पर कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं।