नई दिल्ली : हैदराबाद के सांसद और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने संसद और तमाम विधानसभाओं में मुस्लिम प्रतिनिधित्व की वकालत की है। उन्होंने संघ के खिलाफ निशाना साधते हुए कहा है कि संसद और तमाम विधानसभा में मुस्लिमों का प्रतिनिधित्व होना चाहिए।
हिंदुत्व इस झूठ पर बना है कि केवल एक समुदाय के पास सभी राजनीतिक शक्ति होनी चाहिए और मुसलमानों को राजनीति में भाग लेने का कोई अधिकार नहीं होना चाहिए। संसद और विधानसभाओं में हमारी अधिक उपस्थिति हिंदुत्व संघ के खिलाफ चुनौती का काम करेगी, अगर अपनी मौजूदगी कायम कर पाए तो जश्न मनाएंगे।

ओवैसी की यह टिप्पणी उस समय सामने आई है जब उनकी पार्टी ने बिहार विधानसभा में पांच सीटों पर जीत दर्ज की है। ओवैसी की टिप्पणी इसलिए भी अहम मानी जा रही है क्योंकि संसदीय चुनावों में मुस्लिम प्रतिनिधित्व घटा है, और बिहार की पांच सीटों पर ओवैसी की जीत को कई मायने निकाले जा रहे हैं। बिहार विधानसभा चुनाव में पांच सीटों पर मिली जीत के बाद कहा जाने लगा है कि ओवैसी की एआईएमआईएम मुस्लिमों की राष्ट्रीय स्तर की पार्टी बन कर उभरी है। पार्टी अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी मुस्लिमों के सबसे बड़े नेता के रूप में उभरे हैं।
उल्लेखनीय है कि एआईएमआईएम की स्थापना 1927 में की गई थी. शुरू में यह पार्टी केवल तेलंगाना तक सीमित थी। 1984 से AIMIM लगातार हैदराबाद लोकसभा सीट पर जीत दर्ज करती आ रही है. तेलंगाना और महाराष्ट्र के बाद पार्टी ने अब बिहार में अपना खाता खोला है।
2014 के तेलंगाना विधानसभा चुनाव में इस पार्टी को सात सीटों पर जीत मिली थी। वहीं यह पार्टी 2014 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में दो सीटों पर जीत दर्ज कराने में कामयाब रही थी। बिहार में जीत के बाद पार्टी के हौसले बुलंद हैं। और अपने मुख्यालय हैदराबाद के बाहर विधानसभा की सबसे अधिक सीटें पहली बार जीती हैं।