नई दिल्ली: 21 साल की उम्र में जहां अधिकतर युवा अपनी पढ़ाई में लगे रहते हैं या कॉलेज की पढ़ाई पूरी करके नौकरी के सपने देखने लगते हैं, लेकिन केरल के तिरुवनंतपुरम की आर्या राजेंद्रन ने देश की सबसे युवा महापौर (मेयर) बनकर इतिहास रच दिया है। केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम की रहने वाली 21 साल की छात्रा आर्या राजेंद्रन देश की सबसे युवा महापौर होंगी।
बचपन से ही था राजनीति से जुडाव-
बता दें कि आज तक देश में इतनी उम्र में किसी ने भी महापौर की कुर्सी नहीं संभाली है। दरअसल आर्या को जन्म घुट्टी के रूप में ही सियासी संस्कार मिले थे। बचपन से ही उन्हें राजनीति से काफी जुडाव था. आर्या के पिता इलेक्ट्रिशियन हैं और उनकी मां LIC एजेंट हैं, भाई मध्य पूर्व एशिया में ऑटोमोबाइल इंजीनियर है. राजनीति से जुडाव के चलते 21 साल की आयु में वह इस पद पर पहुंच गई हैं। वह अभी गणित विषय से बीएससी कर रही हैं. उनका पूरा परिवार सीपीएम का समर्थन करता है। आर्या को पहले लगा कि उनके दोस्त उनके साथ किसी तरह का कोई मजाक कर रहे हैं, लेकिन पार्टी सचिवालय से उनके पास फोन आया तब उन्हें इस जीत का अहसास हुआ।

ऐसा था मेयर चुनाव का परिणाम-
हाल ही में मेयर व स्थानीय निकाय के लिए चुनाव हुए थे। यहां 100 सदस्यीय निगम में माकपा ने 51 सीटें जीती हैं, जबकि 35 सीटों के साथ भाजपा मुख्य विपक्षी दल है और वहीं कांग्रेसनीत यूडीएफ को महज 10 सीटें ही हासिल हुई हैं। 4 निर्दलीय सदस्य भी चुने गए हैं. आर्या राजेंद्रन के नाम पर माकपा की जिला तथा प्रदेश कमेटी ने मुहर लगा दी है। बीएससी गणित की छात्रा आर्या तिरुवनंतपुरम के मुदवनमुगल से पहली बार पार्षद चुनी गई हैं। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने मेयर पद के लिए उनका नाम आगे बढ़ाते हुए उम्मीद जताई है कि और भी शिक्षित महिलाएं नेतृत्व की भूमिका में आएंगी।
आर्या: अपने दायित्वों का पालन करूंगी-
आर्या ने कहा कि चुनाव में लोगों ने मुझे एक छात्रा होने के नाते महत्व दिया था। लोग चाहते हैं कि उनका प्रतिनिधि पढ़ा-लिखा और शिक्षित हो। मैं अपनी पढ़ाई जारी रखते हुए मेयर के दायित्वों का भी निर्वाह करती रहूंगी, साथ ही महिलाओं को शिक्षित होने के लिए जागरूक करूंगी.