अमरोहा : 27 फरवरी को अहमदाबाद में दहेज पीड़ित आयशा के नदी में कूदने की घटना इंटरनेट मीडिया पर पता चली तो खूब तोहमत दी गई। सोमवार को भी विश्व महिला दिवस पर लोग सशक्तिकरण की बात कर रहे थे, दूसरी क्षेत्र में दहेज के कारण रिश्ता टूटने का मामला सामने आया। दहेजलोभी दूल्हे ने निकाह के बाद दुल्हन को तीन तलाक दे दिया। इसके बाद बारात बैरंग लौट गई। सजी-धजी दुल्हन आंसुओं के साथ अपने पिता के घर तन्हा रह गई। मामला सैदनगली थाना क्षेत्र स्थित एक कस्बे का है।

परिजनों के मना करने पर भी बजाया डीजे
यहां रहने वाले एक किसान की बड़ी बेटी की बारात रविवार को रहरा के एक गांव से व छोटी की गजरौला थानाक्षेत्र से आई थी। दोनों बेटियों के एक साथ हाथ पीले करने के लिए स्वजन महीनों से तैयारी में जुटे थे। आरोप है कि गजरौला थानाक्षेत्र के गांव निवासी दूल्हे के स्वजन बारात में डीजे लेकर आए थे। जबकि, दुल्हन के स्वजन डीजे बजाने के खिलाफ थे। फिर भी बेटी वाले इस बात को बर्दाश्त कर गए। इसके बाद निकाह के दौरान महर को लेकर दोनों पक्षों में कहासुनी हुई। लेकिन, लोगों ने दोनों पक्षों को समझा कर शाम करीब पांच बजे निकाह करवा दिया गया।
दहेज़ के लिए दिया तलाक
बड़ी बेटी के दहेज में बाइक दी गई थी। जबकि, छोटी बेटी के ससुरालियों के कहने पर बाइक के एवज में कैश देने की बात हुई थी। 1.98 लाख पांच सौ रुपये दुल्हन के पिता ने दे दिए। आरोप है कि दूल्हे व उसके स्वजन बाइक की कीमत को अधिक बताते हुए धनराशि कम होने की बात कही। जबकि, लड़की पक्ष के लोग दूसरी बेटी के लिए भी बाइक आने की बात बताई। इसको लेकर बात बिगड़ गई और दूल्हे ने दुल्हन के स्वजन की तरफ नकदी फेंकते हुए तलाक दे दिया। इस वजह से दुल्हन निकाह के बावजूद पिता के घर सजी संवरी रह गई। एक बेटी का निकाह हो गया, दूसरी बेटी की डोली उठने में दहेज के आड़े आने का मामला पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। इस मामले में घंटों तक चली पंचायत के बाद पंचों ने दोनों पक्षों को सोचने समझने के लिए पांच दिन का मौका दिया है। थाना प्रभारी राजीव शर्मा ने बताया कि निकाह के बाद तलाक देने का मामला संज्ञान में नहीं है। तहरीर मिलेगी तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
हो सकता है पुनः निकाह
निकाह के कुछ देर बाद बिना रुख्सत दुल्हन को तलाक देने के मामले में उलेमाओं का कहना है कि दोनों पक्ष सहमत हो जाएं तो बिना इद्दत के दोबारा निकाह हो सकता है। लेकिन, निकाह में रखे गए मेहर की आधी कीमत शौहर को अदा करनी होगी।