नई दिल्ली : बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले सियासत बड़ी तेजी से गरमाती जा रही है. राज्य के सियासी दंगल में ममता बनर्जी को पटखनी देना आसान नहीं है. ममता स्ट्रीट फाइटर और जुझारू लीडर हैं. पिछले 10 सालों से बंगाल पर राज कर रही हैं. तो वहीं चुनावी रणनीति के मास्टर अमित शाह को पता है कि बंगाल में ममता दीदी का किला जीतना कितना मुश्किल है. ममता पर शाह ने पूरा होमवर्क किया और अब उसी होमवर्क के बाद बंगाल की धरती पर सियासत प्रयोग करने उतरे हैं.
शाह ने बंगाल में किया शंखनाद-
बंगाल की आगामी राजनीतिक लड़ाई के लिए शनिवार का दिन बेहद अहम रहा और इस घटनाक्रम को 2021 में नए इतिहास के ट्रेलर के तौर पर देखा जा रहा है. अमित शाह ने शनिवार को मां काली का आशीर्वाद लिया. बंगाली अस्मिता को सिर झुकाकर प्रणाम किया. खुदीराम बोस को नमन किया, किसान के घर जमीन पर बैठकर भोजन किया और शक्ति प्रदर्शन करके चुनावी अभियान का शंखनाद कर दिया.

रणनीति का ब्लू प्रिंट तैयार-
अमित शाह का दौरा मिशन बंगाल के लिए बहुत अहम है क्योंकि फाइनल चुनाव से पहले बीजेपी की रणनीति का ब्लू प्रिंट तैयार है. बीजेपी चुनाव किन मुद्दों पर लड़ेगी, नैरेटिव क्या होगा, एजेंडा क्या है, अमित शाह ने गोल सेट कर दिया. बंगाल में शनिवार को बीजेपी का कुनबा और बड़ा हो गया जब 11 विधायकों के अलावा एक सांसद और एक पूर्व सांसद की पार्टी में एंट्री हो गई.
किसानों के घर भोजन-
पिछले महीने अमित शाह ने बंगाल दौरे के दौरान दलित के घर खाना खाया था और अबकी बार एक किसान के घर भोजन किया. इस अभियान के जरिए शाह ने बंगाल के दलित और किसानों को साधने की कोशिश की है.2021 चुनाव से पहले अमित शाह के एक्शन पर टीएमसी का बड़ा रिएक्शन आया.