नई दिल्ली : अलीगढ़ जिले की साइबर थाना पुलिस ने ठगी के एक बड़े गिरोह के सरगना को गिरफ्तार किया है। आरोपित 40 लोगों के साथ गिरोह चला रहा था। बाकायदा इसके लिए वाट्सएप ग्रुप बनाया था। शातिर ने पेटीएम के करीब आठ सौ फर्जी एकाउंट बना रखे थे, जिसके जरिये ठगी की जाती था। यही नहीं, यह गिरोह पेटीएम एकाउंट बनाकर उन्हें पांच गुना दाम में बेच भी देते थे। पुलिस ने आरोपित अफरोज अब्बासी को गोरखपुर से गिरफ्तार किया है।

खाते से चुटकियों में उड़ा देते हैं लाखों रूपये-
अलीगढ़ रेंज के आइजी पीयूष मोर्डिया ने बताया कि गांधीपार्क थाना क्षेत्र के मामू भांजा निवासी डॉ. पल्लवी के साथ 14 सितंबर को ठगी हुई थी। शातिर ने गूगल पे कस्टमर केयर बनकर उनके खाते से 1.34 लाख रुपये पार कर दिए थे। साइबर थाना में मुकदमा दर्ज हुआ। टीम ने जांच शुरू की तो पता चला कि जिस एकाउंट और सिम का ठगी में इस्तेमाल हुआ, वह फर्जी है। गहनता से छानबीन में सामने आया कि अफरोज अब्बासी निवासी कृष्णा नगर एक गिरोह को ऑपरेट कर रहा है।
खाते से रूपये निकालने की कहानी-
यह गिरोह किसी भी व्यक्ति के नाम से तीन-चार फर्जी सिम खरीद लेते हैं। फिर वेबसाइट से उस व्यक्ति का पैन नंबर लेकर पेटीएम पर फर्जी एकाउंट खोल लेते हैं। इस फर्जी एकाउंट से पैसा ट्रांसफर, रिचार्ज, बिल आदि भरने की आड़ में ठगी कर ली जाती है। शातिर ने 40 लोगों के साथ एक वाट्सएप ग्रुप बना रखा है, जहां ठगी की पूरी प्लानिंग होती है। आरोपित करीब तीन साल से ठगी कर रहा है। पुलिस ने अफरोज को गोरखपुर से गिरफ्तार किया है। इससे मोबाइल, लैपटॉप व अन्य उपकरण बरामद हुए हैं।
यूट्यूब से सीखा खाते से पैसे निकालना-
आरोपित ग्रेजुएशन कर रहा है। पेटीएम पर मिलने वाले कैशबैक से उसके मन में लालच आया और उसने फर्जी एकाउंट बनाने की सोची। यू-ट्यूब पर इस बारे में जानकारी हासिल की। पहले एक साथी को भरोसे में लेकर फर्जी एकाउंट बनाया। फिर धीरे-धीरे इनके गिरोह बढ़ता गया। ठगी का तरीका ऐसा होता है कि जिस व्यक्ति के नाम से ठगी होती है, उसे जानकारी तक नहीं हो पाती। आइजी ने बताया कि इनके गिरोह के अन्य सदस्यों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।