कांग्रेस ने उत्तरप्रदेश में कराये 50 लाख किसानों के हस्ताक्षर, कार्यकर्ताओं को पता भी नहीं चला

Congress got 50 lakh signatures of farmers in up
Congress got 50 lakh signatures of farmers in up

नई दिल्ली : आज किसानो के आंदोलन को एक महीने से भी ज्यादा हो गया है लेकिन किसान अभी भी अपनी मांग को लेकर बॉर्डर पर डट कर खड़े हैं. जहाँ बीजेपी को मात देने के लिए कांग्रेस जी जान लगा रही है वहीँ बीजेपी भी किसान बिल वापिस लेने को तैयार नहीं. वहीँ कांग्रेस के कागज़ कस नंबर गेम ने प्रियंका वाड्रा का झंडा ऊँचा कर दिया है. कांग्रेस पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गाँधी ने राष्ट्रपति को कृषि कानूनों कस खिलाफ 2 करोड़ हस्ताक्षर सौंपे हैं. उसमे सिर्फ एक चौथाई भागीदारी उप्र कोंग्रस की है. वहीँ इन हस्ताक्षरों के लिए पार्टी को कोई बड़ा अभियान भी नहीं चलना पड़ा और न ही किसी बड़े संगठनो की मदद लेनी पड़ी. कांग्रेस पार्टी का दावा है की उन्होंने सिर्फ 50 लाख हस्ताक्षर उप्र से कराएं हैं.

क्यों कर रहे हैं किसान विरोध

बता दे की केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों को लेकर किसान दिल्ली और नॉएडा बॉर्डर पर आंदोलन चला रहे हैं आंदोलन को एक महीने से भी ज्यादा का वक़्त हो चूका है पर केंद्र सर्कार ने बिल वापिस लेने से इंकार कर दिया है. हाँ पर सर्कार बिल में संशोधन करने के लिए तैयार है. किसानो को डर है की किसान बिल से उन्हें मंदी का सामना करना पड़ेगा। वहीँ किसानो के समर्थन में कई राजनितिक पार्टियां उनके साथ खड़ी है. पंजाब व हरयाणा दोनों राज्यों के किसान व कई राजनितिक पार्टियां बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे हैं जिसकी वजह से बॉर्डर जाम है.

Congress got 50 lakh signatures of farmers in up
Congress got 50 lakh signatures of farmers in up

कानपुर पहुंचे उपमुख्यमंत्री केशव ने तंज कसा की कांग्रेस ने 50 लाख लोगो के हस्ताक्षर कैसे करवा लिए क्योंकि उसके पास तो इतने लोग भी नहीं. इस बारे में जब प्रदेश प्रवक्ता बृजेन्द्र कुमार सिंह से पूछा गया की 2 करोड़ हस्ताक्षरों में से उप्र की कितनी भागीदारी है तो वस बोले की शायद युवक कांग्रेस ने हस्ताक्षर अभियान चलाया था. पुष्ट जानकारी लेनी होगी. इसके बाद युवक कांग्रेस पूर्वी जॉन कस अध्यक्ष कनिष्क से पूछा गया तो वह बोले की ऐसे किसी भी अभियान में युवक कांग्रेस शामिल नहीं है कांग्रेस की मुख्य इकाई ने अभियान चलाया होगा.

इल्ज़ामाें की हेर फेर

दूसरे प्रदेश प्रवक्ता डॉ. उमाशंकर पांडेय से पूछा गया तो उन्होंने बताया की अगस्त से लेकर सात नवम्बर तक प्रदेश अध्यक्ष सहित अन्य पदाधिकारी गावँ गावँ चौपाल करने निकले थे तभी किसानो से हस्ताक्षर कराये गए थे, और मांग पत्र भरवाए थे तभी किसानो से हस्ताक्षर भी कराये गए थे. इस तरह यू.पी से कुल 50 लाख हस्ताक्षर हुए जिसमें किसान कोंग्रेस , युवक कांग्रेस सहित सभी की भागीदारी थी. अभियान के बारे में फिर 29 जिलों की किसान महापंचायत कराने वाले किसान कांग्रेस मध्य जॉन कस अध्यक्ष तरुण पटेल से भी बात की गई तो इस पर उन्होंने बताया की हमें ऐसे किसी भी अभियान की जानकारी नहीं है मुख्य कांग्रेस ने अभियान चलाया होगा. हो सकता है पश्चिम इकाई शामिल रही हो.

किसान कांग्रेस पश्चिम के अध्यक्ष डॉ. अनिल चौधरी ने एक डेढ़ माह के अभियान की बात स्वीकारी, लेकिन हस्ताक्षरों का कोई आंकड़ा उनके पास मौजूद नहीं था इसके बाद प्रभारी सिद्धार्थ प्रिय से इसकी जानकारी पूछी गयी तो वह बोले की अभियान के तहत कराये 50 लाख हस्ताक्षर दफ्तर में रखे थे दीपावली से से पहले राष्ट्रपति को सौंपे जाने थे जो की अब  यूपी से गए हैं.

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