नई दिल्ली: 26 जनवरी हिंसा मामला, 26 जनवरी को हुए हिंसा मामले में गिरफ्तार दीप सिद्धू और इकबाल सिंह को आज क्राइम ब्रांच की टीम लालकिला पर लेकर पहंची है। यहां पर गणतंत्र दिवस वाले दिन हुई घटना के सीन को रीक्रिएट किया जा रहा है।
26 जनवरी हिंसा मामला
बता दें पूछताछ के दौरान दीप सिद्धू ने दावा किया कि वह भावुक होकर किसानों के साथ जुड़ गया था। हालांकि, पूछताछ में दीप सिद्धू ने साफ किया कि उसका जुड़ाव किसी कट्टरपंथी धार्मिक संगठन से नही है। क्राइम ब्रांच की टीम दीप सिद्धू और इकबाल सिंह को लेकर फिलहाल उस रूट पर है। जहां से वो लाल किले भीड़ के साथ पहुंचे थे। दीप सिद्धू और इकबाल सिंह से पुलिस पूरा रूट समझ रही है। एक तरह से कहें तो दोनों को लेकर 26 जनवरी हिंसा का क्राइम सीन रिक्रिएट कर रही है।

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जैकेट चुराते थे दीप सिद्धू के समर्थक
वहीं पुछताथ में दीप सिद्धू ने खुलासा किया था की, सरकार के साथ बातचीत में और दिल्ली पुलिस के साथ ट्रैक्टर रैली के दौरान किसान नेता नरम हो रहे थे। दीप सिद्धू ने बताया की उसे लॉकडाउन के दौरान कोई काम नहीं मिला था। अगस्त में जब किसान आंदोलन पंजाब में शुरू हुआ, तो वह इसके प्रति आकर्षित हो गया था। दीप सिद्धू ने बताया कि जब वह विरोध स्थलों पर जाता था तो युवा बड़ी संख्या में आते थे।
वह 28 नवंबर को किसानों के साथ दिल्ली पहुंचा। गणतंत्र दिवस परेड से कुछ दिन पहले सिद्धू ने अपने समर्थकों के साथ निर्धारित मार्ग को तोड़ने का फैसला किया।
इंडिया गेट पर पहुंचने की फिराक में था दीप सिद्धू
दीप सिद्धू ने तब अपने समर्थकों से कहा था कि वे वॉलंटियर के जैकेट चुराएं। दीप सिद्धू ने पहले ही साजिश रची थी कि लाल किला और यदि संभव हो तो इंडिया गेट तक पहुंचने की कोशिश की जाएगी। जांच के दौरान इस बात का भी खुलासा हुआ कि फरार आरोपी जुगराज सिंह को विशेष रूप से धार्मिक झंडा फहराने के लिए लाया गया था। बताया जा रहा है कि तरनतारन का मूल निवासी जुगराज गुरुद्वारों में झंडे फहराता था।

पुलिस उस व्यक्ति को लेकर घटनास्थल पर ले जाकर वो सारी चीजें कर के बताने के लिए कहती हैं, जो उस समय घटित या उसने किया है। इससे फायदा यह होता है कि पुलिस को घटनास्थल की जानकारीयां मिल जाती है।
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