नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ 104 पूर्व ब्यूरोक्रेट्स के लिखे गए पत्र के बाद अब सरकार के समर्थन में 250 से ज्यादा पूर्व नौकरशाहों और सैन्य अधिकारियों ने पत्र लिखा है। यूपी सरकार के खिलाफ लिखे पूर्व ब्यूरोक्रेट्स के पत्र पर पूर्व नौकरशाहों ने योगी सरकार के फैसलों के पक्ष में अपना समर्थन पत्र जारी किया है।

कानून का किया स्वागत-
इस पत्र के माध्यम से 104 पूर्व नौकरशाहों के द्वारा लिखे गए पत्र पर भी आपत्ति जताते हुए पूर्व नौकरशाहों के पत्र को राजनीति से प्रेरित बताया गया है। करीब ढाई सौ से अधिक पूर्व अधिकारियों बुद्धिजीवियों ने उत्तर प्रदेश सरकार के पक्ष में पत्र लिखकर जबरन धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए बनाए गए कानून का स्वागत किया है और इसको उपयोगी कानून बनाया है। यूपी के पूर्व चीफ सेक्रेटरी योगेन्द्र नारायण के नेतृत्व में यह पत्र लिखा गया है।
अध्यादेश से किसी को खतरा नहीं-
ब्यूरोक्रेट्स ने पत्र में साफ लिखा है कि यह अध्यादेश धर्म और जाति छिपाकर धोखाधड़ी करने अपराध करने वालों के खिलाफ कारगर सिद्ध होगा। 250 से ज्यादा पूर्व अधिकारियों ने पत्र लिखते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री को संविधान की सीख देना गलत है। धर्म परिवर्तन संबंधी अध्यादेश समय की मांग के अनुरूप है और इसका असर देखने को भी मिल रहा है। ब्रिटिश राज के दौरान भी कई रजवाड़ों ने इसी तरह के कानून लागू किए थे। पूर्व अधिकारियों ने अपने पत्र में लिखा है कि इस अध्यादेश से उत्तर प्रदेश की गंगा जमुनी तहजीब को कोई खतरा नही है।