नई दिल्ली : नेशनल वोटर्स डे 2021 ( National Voters Day), 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जाता है। मतदाता के पास ये ताकत होती है, की वो सरकार बना भी सकता है और बदल भी सकता है। आज देश भर में मतदाता दिवस मनाया जरा है। भारतीय संबिधान के मुताबिक जनता ही इस अनूठे लोकतंत्र की बुनियाद है आज उसी जनता का दिन है।

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मतदाता दिवस क्यों मनाया जाता है-
इस दिन मानाने मानाने के पीछे दो कारण थे पहली समावेशी व दूसरा है गुणात्मक भागीदारी। इसका मकसद था की कोई भी मतदाता मतदान करने में पीछे न रह जा चुनाव आयोग इस दिन मतदाताओं कि पहचान करता है जिनकी उम्र १८ साल हो चुकी हो उन सभी के नाम मतदाता में शामिल किये जाते है।

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मतदाता दिवस की शुरुआत-
साल 2011 में UPA-2 की सरकार थी। उस समय राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह थे। इस साल चुनाव आयोग की स्थापना को 61 साल हो चुके थे। उस समय राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल ने 25 जनवरी से राष्ट्रीय मतदाता दिवस के रूप में इस दिन को मनाने की शुरुआत की थी। 25 जनवरी 2021 का दिन 11वीं बार राष्ट्रीय मतदाता दिवस के रूप में मनाया जाएगा।
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कैसे मनाया जाता है-
2011 के बाद से हर साल 25 जनवरी के दिन को मतदाता दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसकी एक थीम होती है। इस दिन सरकार मतदाताओं को जागरूक करने के लिए अभियान चलाती है। खासकर जो मतदाता पहली बार वोट देता है या जिनके नाम अब तक मतदाता सूची में नहीं हैं। इस दिन नेशनल अवॉर्ड से चुनाव प्रक्रिया में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले लोगों को सम्मानित किया जाता है।

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कौन वोट दे सकता है-
भारत के संविधान के मुताबिक, जो भारत का नागरिक है और जिसकी उम्र 18 साल या उससे ज्यादा वो वोट देता है। बिना किसी भेदभाव या सिटीजनशिप एक्ट के तहत इन लोगों को वोटिंग अधिकार दिया जाता है। जिन NRI के पास इंडियन पासपोर्ट होता है, उन्हें भी वोट देने का अधिकार होता है।

भारतीय चुनाव आयोग की स्थापना 25 जनवरी 1950 को हुई थी। ये संस्था संविधान के आर्टिकल 324 के अंतर्गत आती है। इसमें तीन सदस्य प्रमुख होते हैं, पहले मुख्य चुनाव आयुक्त और दो अन्य आयुक्त शामिल होते हैं। इन्हें राष्ट्रपति की तरफ से नियुक्त किया जाता है। सभी का कार्यकाल 6 साल का होता है। ये एक संवैधानिक संस्था है। देश में होने वाले सभी चुनावों को आयोजित करने की जिम्मेदारी चुनाव आयोग की होती है।