नई दिल्ली। भारत सरकार ऑनलाइन द्वारा हो रहे अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए लगातार काम कर रही है. इसबार केंद्रीय गृह मंत्रालय ने साइबर क्राइम के लिए एक नई सेवा शुरू की है. इसके द्वारा साइबर क्राइम में पुलिस की मदद की जा सकती है. केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने इस सेवा योजना को श्रेणी में रखा है।

साइबर अपराध के तहत योजना-
ऐसा बताया जा रहा है की इस योजना के तहत चाइल्ड पोर्नोग्राफी, बालात्कार, आतंकवाद, कट्टरपंथी राष्ट्र विरोधी और ऑनलाइन गैरकानूनी की पहचान करके सरकार को रिपोर्ट सौंपी जाएगी। इस सेवा में साइबर अवेयरनैस प्रमोटर- नागरिकों के बीच साइबर अपराध के बारे में जानकारी बताने के लिए रखे जायेंगे। जिसमें महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग, ग्रामीण नागरिग और कमजोर समूह शामिल हैं। इस सेवा अंदर साइबर एक्सपर्ट- साइबर क्राइम, फोरेंसिक, नेटवर्क फोरेंसिक, मालवेयर एनालिसिस, मेमोरी एनालिसिस, क्रिप्टोग्राफी जैसे के डोमेन से निपटा जाएगा।

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साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल-
आपको बता दें कि स्वयंसेवकों के लिए रजिस्टर करने के लिए एक व्यक्ति को राष्ट्रीय साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर एक समर्पित अनुभाग साइबर स्वयंसेवकों के माध्यम से स्वयंसेवक के रूप में पंजीकरण करने की आवश्यकता होगी। उसे कुछ अनिवार्य व्यक्तिगत विवरणों जैसे पूर्ण नाम, पिता का नाम, मोबाइल नंबर, ईमेल पता, आवासीय पता आदि दर्ज करना होगा।

साइबर विशेषज्ञ के रूप में रजिस्ट्रेशन-
आईडी प्रूफ और पता प्रमाण रजिस्ट्रेशन के लिए आईडी प्रूफ टैब पर अपलोड करना होगा. साइबर स्वयंसेवक गैरकानूनी सामग्री ध्वजवाहक के रूप में रजिस्ट्रेशन के लिए किसी भी तरह की केवाईसी की जरूरत नहीं है. लेकिन साइबर जागरूकता प्रमोटर या फिर साइबर विशेषज्ञ के रूप में रजिस्ट्रेशन करने के लिए आपका केवाईसी किया जाएगा।