नई दिल्लीः देश में ये नारा दिया जाता है कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, लेकिन सहारनपुर के देवबंद क्षेत्र के गांव भनेड़ा के रहने वाले एक परिवार की मानसिकता अभी वही पुरानी है, जो सालों पहले बेटी के प्रति कुछ लोगों की होती थी। इस परिवार ने अपनी एक बहू को जिला अस्पताल में इस आस से भर्ती कराया कि उसे बेटा पैदा होगा, लेकिन बहू को बेटी पैदा हो गई। जैसे ही बेटी पैदा हुई तो ससुरालिये बहू को अस्पताल में ही छोड़कर फरार हो गए।

दरअसल मंडी कोतवाली क्षेत्र के गांव खाताखेड़ी निवासी नसीम अहमद की बेटी आएशा का निकाह करीब डेढ़ साल पहले देवबंद कोतवाली क्षेत्र के गांव भनेड़ा निवासी युवक के साथ हुआ था। शादी के बाद जब आएशा गर्भवती हुई तो पति हर दिन आएशा से बोलता था कि बेटा ही पैदा करना। जबकि आएशा कहती थी कि बेटी हो या बेटा उसके लिए दोनों समान है, और इस बात पर पति उसे पीटता व उत्पीड़न करता था।
अस्पताल से भाग गया पति-
बता दें की 22 जनवरी को आएशा को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां देर रात आएशा ने एक बेटी को जन्म दिया। जैसे ही यह खबर ससुरालियों को लगी तो जिला अस्पताल से पति, सास और ससुर बहू का हालचाल जाने बगैर ही गायब हो गए। जिसके करीब पांच दिन बाद आएशा ने अपने पति को फोन किया तो उसने कहा कि वह अब उसे अपने साथ नहीं रखेगा। साथ ही उसने यह भी कहा की वह अपनी शादी कहीं ओर भी कर सकती है, और बेटी को भी साथ ले जा सकती है।

नहीं देखा मासूम का चेहरा-
आएशा अभी भी जिला अस्पताल में अपने ससुराल वालों का इंतजार कर रही है। आएशा के पिता नसीम अहमद का कहना है कि अभी वह पुलिस केस नहीं कर रहे हैं। यदि वह दो दिन के अंदर नहीं आते हैं तो इसके बाद वह पुलिस केस करेंगे। आएशा के पिता ने बताया कि आएशा के पति ने अपनी बेटी का चेहरा तक नहीं देखा। उसे कई बार कहा गया कि वह बेटी को देख ले, लेकिन उसने देखने तक से भी मना कर दिया।