मस्जिद से हुआ था ऐलान इसलिए भड़की हिंसा- केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान

संजीव बालियान
संजीव बालियान

नई दिल्लीः केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान (Sanjeev Balyan) ने आरोप लगाया है कि यह घटना विपक्षी दल की पूर्वनियोजित साजिश थी और एक मस्जिद (mosque) से किए गए ऐलान के बाद हिंसा भड़की. रविवार दोपहर मुज़फ्फरनगर की बुढ़ाना विधानसभा इलाके के गांव सौरम में हुए संजीव बालियान और रालोद समर्थको के बीच हाथापाई और मारपीट के मामले में सोमवार को केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने एक पत्रकारवार्ता की. इस दौरान बालियान ने आरोप लगाते हुए कहा कि राष्ट्रीय लोकदल के बड़े नेताओंं के कहने पर मुझ पर और मेरे समर्थकों पर हमला किया गया और उसके बाद मस्जिदों से ऐलान कर गांव में भीड़ जुटाई गयी.

संजीव बालियान

संजीव बालियान ने कहा, भैंसवाल गांव में समाजवादी पार्टी के जो उमीदवार थे उनकी पार्टी और उनके परिवार के लोगों ने नारेबाजी की. मेरे साथ बत्तमीजी की कोशिश की गई. मैं सोरम गांव में एक तेरहवी में गया था किसी राजनैतिक कार्यक्रम में नहीं गया था. कम से कम हमें एक दूसरे का सम्मान करना चाहिए. सुख दुःख में तो सभी जाते हैं इसलिए इन चीजों को राजनीती से दूर रखना चाहिए. उन्‍होंने कहा, समाज को मत तोड़िये राजनीती तो होती रहेगी पहले भी हुई है और आगे भी होती रहेगी. चुनाव में हम लोग पहले भी लडे़ हैं और आगे भी लड़ते रहेंगे लेकिन समाज को मत तोड़िये आप लोग तो समाज को लड़ा कर चले जायेंगे भुगतना मुज़फ्फरनगर की जनता को पड़ेगा.

”दिल्ली में बैठकर मुजफ्फरनगर पर राजनीती की गई”

बालियान ने कहा कि ये घटना बड़ी दुर्भाग्यपूर्ण है में व्यक्तिगत रूप से बहुत परेशान हूं, दिल्ली में बैठकर मुजफ्फरनगर पर राजनीती की गई है. कुछ लोग दिल्ली में बैठकर लोगों के बीच भावना भड़काकर राजनीती की है. हमने लोगों के बीच पसीना बहा कर राजनीती की है. बालियान ने कहा वहां लोकदल के बड़े नेता मौजूद थे. इसके अलावा उन्‍होंने बताया कि जो लोग 26 जनवरी के दिन लालकिले पर मौजूद थे वही लोग कल सोरम में मौजूद थे. मेरे निकलते ही उन लोगों ने नारेबाजी की और हमारे लोगों के साथ हाथापाई की उसके बाद सोरम गांव में मस्जिदों से ऐलान हुआ की संजीव बालियान के विरोध में इकठ्ठा हो जाओ.

”मुझे 2013 की घटना याद मत दिलाओ”

केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने कहा, आप मुझे 2013 की घटना की तरफ मत लेकर जाओ क्योंकि आप 2013 की घटना के बाद भाग गए थे, इस बार भी भाग जाओगे. 2013 में भी मैंने काफी कुछ झेला था. कई फर्जी मुकदमे दर्ज हुए. उन्‍होंने कहा, अगर आज संजीव बालियान सोरम में दुःख प्रकट करने आया तो ये लोग भी आ गए. इन्हें संजीव बालियान के विरोध में सौरम याद आया. ये लोग आज आ रहे हैं लेकिन मैं हमेशा यहीं अपने लोगों के बीच रहता हूं. ये लोग राजनीती करेंगे और वापस दिल्ली चले जायेंगे.

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