नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, बीते साल 2020 से चल रही कृषि कानून के खिलाफ किसानों का आंदोलन अब तक कई मोड़ ले चूका है। कृषि कानून को लागू और हटाने को लेकर दिन बा दिन किसानों और सरकार के बीच जंग बढ़ती नज़र आ रही है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ
जहां एक तरफ पूरा देश किसान आंदोलन को अपना लगातार समर्थन दे रहे है। वहीं अब इसी कड़ी में कृषि कानूनों को लोगों के समर्थन के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आरएसएस ने एक नई पहल की शुरुआत की है। बता दें कि आरएसएस के एक लाख कार्यकर्ताओं ने देश के कई गावों में जाकर नए कृषि कानूनों का लाभ को लोगों को समझाया।

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सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का लिया गया सहारा
दरअसल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) कृषि कानूनों के समर्थन के लिए युवाओं से जुड़ने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का सहारा ले रहे है। आरएसएस के तरफ से युवा कार्यकर्ताओं से यह अपील हुई है कि नए कानूनों के समर्थन में वे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर एक्टिव रहें और विरोधियों को जवाब दें।
वहीं रैप सॉन्ग और नुक्कड़ नाटकों की मदद से लोगों को बताएं कि कानून से क्या फायदे हैं। आरएसएस संघ के सूत्र से मिली जानकारी से पता चला है कि नए कृषि कानूनों को लेकर देशभर में भ्रम फैलाया जा रहा है। इसके अलावा कई संगठन इसकी आड़ में देश को बांटने का काम भी कर रहे हैं। नए कृषि कानून क्या हैं और ये किसानों के लिए कैसे फायदेमंद हैं, इसे बताने के लिए हम इन माध्यमों का सहारा ले रहे हैं।
बद्रीनारायण चौधरी का बयान
एक मीडिया रिपोर्ट से मिली जानकारी के मुताबिक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ने वाले महामंत्री बद्रीनारायण चौधरी ने बताया है, “आगामी दो से तीन दिन बाद संगठन के सदस्यों की बैठक होगी। इसमें आगे की रणनीति को लेकर विचार विमर्श किया जाएगा।” आगे उन्होंने कृषि कानून के प्रदर्शन को लेकर यह कहा, “अब ये किसान आंदोलन नहीं रहा है। ये पूरी तरह से राजनीतिक आंदोलन हो गया है। देश विरोधी ताकतें इस आंदोलन को चला रही हैं। किसान नेता इन लोगों की साजिश के शिकार होते जा रहे हैं।