नई दिल्ली: 2020 में साल के ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल ने अपने करप्शन इंडेक्स रिपोर्ट में बताया है कि भारत के भ्रष्टाचार में गिरावट के संकेत देखे गये हैं। सबसे कम भ्रष्टाचार के मामले में करप्शन इंडेक्स में इस साल न्यूजीलैंड और डेनमार्क को टाॅप लेवल में बताया गया है

करप्शन इंडेक्स में भारत 6 पायदानों से फिसलकर 86वें स्थान पर आ गया है. साल 2020 के लिए ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल का करप्शन इंडेक्स जारी हुआ है। इससे पहले साल 2019 में के रैंकिंग में भारत 80वें स्थान पर था. वहीं रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत भ्रष्टाचार इंडेक्स में काफी पीछे चल रहा है.
180 देशों का करप्शन इंडेक्स
करप्शन इंडेक्स में 180 देशों में सार्वजनिक क्षेत्र में भ्रष्टाचार के स्तर को आधार मान कर रैंक जारी की गई है। इसमें 0 से लेकर 100 तक के पैमाने का उपयोग किया जाता है. शून्य स्कोर वाला देश सबसे अधिक भ्रष्ट माने जाते हैं और 100 स्कोर वाला देश सबसे साफ होता है. भारत का स्कोर 40 बताया है और वह 180 देशों में 86वें स्थान पर भारत आ गया है. 2019 में भारत का स्कोर 41 था और जो की 80वें स्थान पर था. इस से साफ पता चलता है कि भारत की स्थिति में सुधार के संकेत दिख रहे हैं।

साथ ही पड़ोसी मुल्क की बात करें तो रैंकिंग में चीन 78वें स्थान पर, पाकिस्तान 124 और नेपाल 117वें स्थान पर है। ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल के सर्वेक्षण के मुताबिक दो तिहाई देशों ने 100 में से 50 से कम अंक हासिल किए और औसतन अंक 43 हासिल हुए हैं
न्यूजीलैंड और डेनमार्क में भ्रष्टाचार सबसे कम
भ्रष्टाचार के मामले में सबसे कम करप्शन इंडेक्स में न्यूजीलैंड और डेनमार्क को बताया गया है। दोनों ही देशों को 100 में से 88 अंक दिये गये हैं। वहीं 85 अंक हासिल करने वालों में सिंगापुर, स्विट्जरलैंड, फिनलैंड और स्वीडन को बताया है। वहीं नॉर्वे को 84, नीदरलैंड्स को 82, जर्मनी और लक्जेमबर्ग को 80 मिले हैं। ये सारे देश टॉप 10 का हिस्सा हैं. दुनिया के सबसे नीचे के इंडेक्स में सोमालिया और दक्षिण सूडान की भ्रष्टाचार की स्थिति बेहद खराब बताई गई है. दोनों ही देश को 12 अंकों के साथ, सबसे नीचे 179वें स्थान पर रखा गया है।
कोविड-19 का करप्शन इंडेक्स पर असर
ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल के करप्शन इंडेक्स में कोविड-19 महामारी को काबू करने से निपटने में भ्रष्टाचार पर खासा जोर दिया है संगठन की रिपोर्ट मे कहा गया है कि जिन देशों में भ्रष्टाचार सबसे कम है वो देश कोरोना वायरस और आर्थिक चुनौतियों को काबु करने में कामयाब हुए है। वहीं जिन देशों में भ्रष्टाचार बहुत ज्यादा है वहा पर कोरोना वायरस को काबु करने में सक्षम नही हुए है। ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की चेयरपर्सन डेलिया फरेरिया रूबियो ने बाताया है कि”कोरोना महामारी केवल स्वास्थ्य और आर्थिक संकट ही नहीं बल्कि एक भ्रष्टाचार संकट भी है, जिस को कंटरोल करने में हम विफल साबित हुए है।

भारत में भ्रष्टाचार के मुख्य स्थान
भारत जैसे देश में प्रोपर्टी पर रजिस्ट्री में भ्रष्टाचार चरम सीमा मे पाया जाता है, वही दूसरे स्थान पर पुलिस डिपार्टमेंट को रखा गया है । साथ ही तीसरे स्थान पर औंफीस के बाबू मे रिश्वत खोरी बड़े पेमाने देखने को मिली है। मोड़र्न सीस्टमो से हम व्यवस्था को सुधार कर और अधिक ढ़ीक कर सकते है। लोगों की सोच को बदलना होगा।