नई दिल्ली: भारतीय महिला पायलटों की एक टीम ने एअर इंडिया के इतिहास में पहली बार दुनिया के सबसे लंबे हवाई मार्ग उत्तरी ध्रुव पर उड़ान भरने का रिकॉर्ड बना दिया है। सबसे पहले महिला पायलटों की टीम ने अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को शहर से उड़ान भरी जिसके बाद दौरान करीब 16,000 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद यह टीम नॉर्थ पोल से होते हुए बेंगलुरु पहुंची। वहीं एयर इंडिया उड़ान लोकेशन की जानकारी अपने ट्विटर हैंडल से समय-समय पर दे रहा था।

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वहीं भारत कि बेटी, कैप्टन जोया अग्रवाल ने इस ऐतिहासिक उड़ान का नेतृत्व किया हैं साथ ही को-पायलट के तौर पर जोया के साथ कैप्टन पापागरी तनमई, कैप्टन शिवानी और कैप्टन आकांक्षा सोनवरे थी। उड़ान के बाद पूरे देश में उत्साह का माहोल व्याप्त हो गया था। साथ ही भारतीय महिला पायलटों की टीम कि इस कामयबी के लिए सिविल एविएशन मिनिस्टर हरदीप पुरी ने भी ट्वीट के जरिए जानकारी देते हुए बताया कि, कॉकपिट में पेशेवर, टैलेंटेड और कॉन्फिडेंट महिला पायलटों ने एयर इंडिया के विमान से सैन फ्रांसिस्को से बेंगलुरु के लिए उड़ान भरी है। वे नॉर्थ पोल से गुजरेंगी, हमारी नारी शक्ति ने ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है।

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ट्वीटर पर लगा शुभकामनाओं का तांता-
इसके साथ ही एअर इंडिया ने अपने अधिकारिक ट्वीटर हैंड़ल से ट्वीट कर कहा कि, वेलकम होम हमें आप सभी (महिला पायलटों) पर गर्व है, हम AI176 के पैसेंजर्स को भी बधाई देते हैं, जो इस एतेहासिक सफर का हिस्सा बने। जबकि एक दूसरे ट्वीट में सिविल एविएशन मिनिस्टर ने लिखा था कि सैन फ्रांसिस्को से बेंगलुरु तक का ये ऐतिहासिक सफर महिला पायलटों की वजह से वंदे भारत मिशन को और भी खास बनाती है। मिशन ने अब तक 46.5 लाख से अधिक लोगों की अंतर्राष्ट्रीय यात्रा की सुविधा प्रदान की है। फिलहाल, विमान नॉर्थ पोल क्रॉस करने के बाद भारतीय वायु क्षेत्र में आ चुका है।

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महिला पायलट टीम ने पहली बार उत्तरी ध्रुव पर भरी उड़ान-
जानकारी के लिए बता दें कि एअर इंडिया के पायलट पहले भी ध्रुवीय मार्ग पर उड़ान भर चुके हैं, लेकिन ऐसा पहली बार है कि कोई महिला पायलट टीम ने उत्तरी ध्रुव पर उड़ान भरी है। इस बार एअर इंडिया ने सैन फ्रांसिस्को से बेंगलुरु तक के ध्रुवीय मार्ग से यात्रा के लिए एक महिला कैप्टन को जिम्मेदारी सौंपी। यह फ्लाइट नॉर्थ पोल के ऊपर से होते हुए और अटलांटिक मार्ग से बेंगलुरु एयरपोर्ट पहुंची है।