नई दिल्ली: बिहार में अगर नौकरी चाहिए तो सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन नही करना होगा। अगर आपने किया तो आपको सरकारी नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है। सोशल मीडिया पर मंत्रियों, जनप्रतिनिधियों तथा सरकारी अधिकारियों पर अमर्यादित टिप्पणी करने वालों पर कानूनी कार्रवाई के सरकार के आदेश की आलोचना हो ही रही थी कि अब बिहार पुलिस ने नया आदेश जारी कर दिया है। सरकार के इस आदेश पर अब सियासी बयानबाजी तेज होती दिख रही है।

बिहार सरकार: चार्जशीट दाखिल हुआ तो नही मिलेगी सरकारी नौकरी
बता दें कि बिहार के डीजीपी एसके सिंघल ने अपने पत्र में एक आदेश जारी किया है। जिसमें विधि व्यवस्था की समस्या पैदा करने वालों , सड़क जाम एवं धरना-प्रदर्शन के दौरान आपराधिक कृत्य में शामिल लोगों के खिलाफ अगर पुलिस चार्जशीट दाखिल कर देती है, तब उन्हें सरकारी नौकरी के योग्य नहीं माना जाएगा। आदेश के अनुसार उनके चरित्र प्रमाण पत्र में इसे स्पष्ट रूप से दर्ज किया जाना है।
डीजीपी और मुख्य सचिव की बैठक में हुआ फैसला
ज्ञात हो कि पटना में इंडिगो एयरलाइंस के एयरपोर्ट मैनेजर रूपेश सिंह की हत्या में ठीकेदारी विवाद की बात सामने आने के बाद सरकारी ठीके में चरित्र सत्यापन पर बल दिया गया था। इसके बाद मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह फैसला लिया गया था। जिसमें सरकारी ठेके में चरित्र सत्यापन जरूरी होगा। उक्त बैठक में डीजीपी भी शामिल हुए थे। इसके बाद अब पुलिस मुख्यालय ने यह आदेश जारी किया है।
बिहार में सियासत गर्मा गई
पुलिस के इस आदेश पत्र पर बिहार में सियासत गर्मा गई है। विपक्ष इसे आम जनता के सरकार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन के लोकतांत्रिक अधिकार का हनन मान रहा है। वहीं सत्ता पक्ष इसे कानून व्यवस्था के हित में उठाया गया कदम बता रहे हैं।