नई दिल्ली। प्रमुख नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि केंद्र सरकार को चीन की तरह पाकिस्तान से बातचीत करनी चाहिए। जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने कहा कि “यह सच है कि आतंकवाद आज भी मौजूद है। वह जब कहते हैं कि इसका खात्मा हो गया है तो वे झूठ कहते हैं।उन्होंने कहा कि अगर हम आतंकवाद को खत्म करना चाहते हैं, तो हमें अपने पड़ोसियों से इस बारे में बातचीत करनी होगी।
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फारूक अब्दुल्ला का बयान
फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि मैं केंद्र सरकार से अनुरोध करता हूं कि जिस तरह एलएसी से पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के पीछे हटने को लेकर चीन से बातचीत की थी उसी तरह वह पाकिस्तान से भी बातचीत करके कोई रास्ता निकालें। फारूक अब्दुल्ला के इस बयान से पहले रविवार को ही जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने भी केंद्र सरकार से पाकिस्तान से बातचीत करने का अनुरोध किया. महबूबा मुफ्ती ने कहा कि ना तो युद्ध और ना ही बंदूक कोई समाधान है

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मुद्दे का समाधान युद्ध नहीं
पीडीपी प्रमुख ने कहा, ‘जम्मू कश्मीर, भारत और पाकिस्तान के बीच जंग का मैदान बन गया है और लोग दोनों ओर मारे जा रहे हैं.’ उन्होंने कहा, ‘किसी भी मुद्दे का समाधान युद्ध नहीं है. बंदूक से कोई मुद्दा नहीं सुलझा है ।

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महबूबा ने कहा कि
पाकिस्तान के साथ वार्ता पर केंद्र के रुख के बारे मे पूछे जाने पर महबूबा ने कहा कि ऐसा लगता है कि ‘‘वे जम्मू कश्मीर के लोगों के मारे जाने से चिंतित नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ जब कभी जम्मू कश्मीर में वार्ता हुई या पाकिस्तान के साथ वार्ता हुई, जैसे कि 2003-04 में लाल कृष्ण आडवाणी के उप प्रधानमंत्री रहने के दौरान हुई, मुशर्रफ के साथ वार्ता हुई, तब जम्मू कश्मीर में हिंसा में महत्वपूर्ण रूप से कमी आई थी, आतंकवादी घटनाओं में भी कमी आई थी।