पौष पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी में स्नान को विशेष महत्व दिया है। पुर्णिमा की इस दिन में दान और पूजा को श्रेष्ठ फलदायी बताया गया है. हमारे हिन्दु धर्म में के अनुसार ज्योतिष शास्त्र में पूर्णिमा की तिथि पर चंद्रमा पूर्ण आकार में दिखाई देता है जो बहुत पुण्यदाई माना जा है। पौष पूर्णिमा आज शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन पौष पूर्णिमा मनाते है जिस के कारण धार्मिक दृष्टि से इस पूर्णिमा को विशेष फलदायी माना है।
विशेष फलदायी योग बन रहा है पौष पूर्णिमा के दिन
पौष पूर्णिमा के दिन विशेष योग का भी निर्माण होता है। गुरुवार के दिन से ही ब्रह्म में स्नान और दान का कार्य आरंभ लोग करना शुरू करते दिखते है। वही पंचांग के अनुसार पौष पूर्णिमा पर गुरु पुण्य का योग ही बना है, जिस के चलते इस दिन प्रीति योग, शुभ योग और स्वार्थ सिद्धि अमृत योग भी बन गया है जो संसार और समाज के लिए विषेश फलदायी होता है।

शुक्र का राशि परिवर्तन
आज 28 जनवरी को शुक्र का राशि परिवर्तन भी हो गाय है जिस के कारण गुरु, शनि और सूर्य ग्रह एक साथ युति में आगे है। शुक्र ग्रह इस दिन धनु राशि से मकर राशि में जाने के विषेश पूर्ण दायमाना गया है।
इस दिन पर शुभ मुहूर्त
28 जनवरी 2021: पूर्णिमा तिथि 01 बजकर 18 मिनट से आरंभ.
29 जनवरी 2021: रात्रि 12 बजकर 47 मिनट पर पूर्णिमा तिथि का समापन.
बातों ध्यान देने लायक इस दिन को
पौष पूर्णिमा के व्रत और पूजा के दौरान कुछ बातों का लोगों को विशेष ध्यान होना चाहिए। पुर्णिमा के इस दिन विधि पूर्वक पूजा आदि करने से सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है। इस दिन के व्रत और पूजा से चंद्रमा की अशुभता दूर हो जाती होती है और वह शुभ फलदायी हो जाता है।
ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा को मन का कारक माना गया है. पूर्णिमा के इस दिन सफेद रंग की चीजों का दान करने सेष इस व्रत लोगो की नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर देती है। इस दिन सत्यनारायण भगवान और पीपल की पूजा की जाती है जिस से मनुष मां लक्ष्मी का विषेश आर्शीवाद को प्राप्त करता है।