नए धड़े ने बढ़ाई की चिंता, अध्यक्ष के लिए राहुल के खिलाफ कैंडिडेट उतारेगा जी-23

नई दिल्ली : कांग्रेस के बागी नेताओं के समूह जी-23 की हाल ही में जम्मू में रैली हुई थी। इस रैली के दौरान गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल और आनंद शर्मा जैसे दिग्गज कांग्रेसी नेता भगवा साफे में दिखे थे। इसके जरिए उन्होंने यह संदेश देने की कोशिश की थी कि वे हिंदू विरोधी नहीं हैं। वहीं एक तरफ भगवा साफा और दूसरी तरफ रैली में कांग्रेस के कमजोर होने की बात कहकर इन नेताओं ने 135 साल पुरानी पार्टी में एक नया धड़ा बनने की बात साफ कर दी। हालांकि कांग्रेस की चिंताएं खत्म नहीं हुई हैं। कांग्रेस का यह जी-23 गुट अभी कुछ और रैलियां कर सकता है।

दिल्ली में हुआ TV सीरियल ‘दलित मसीहा : संत श्री गुरु रविदास’ का उद्घाटन

 G 23 की जम्मू कश्मीर में मीटिंग
G 23 की जम्मू कश्मीर में मीटिंग

ये रैलियां जम्मू-कश्मीर से बाहर दूसरे राज्यों में हो सकती हैं। ये रैलियां पंजाब, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में हो सकती हैं। यदि ऐसा होता है तो निश्चित तौर पर यह कांग्रेस के लिए टेंशन बढ़ा सकती हैं, जो चिंता की बात है। इसी तरह कांग्रेस के कद्दावर नेता और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे गुलाम नबी आजाद के अचानक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए उमड़े प्रेम से सियासी हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस के ये नेता जून में पार्टी के अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए भी अपना कैंडिडेट खड़ा करने पर विचार कर रहे हैं। यदि राहुल गांधी अध्यक्ष के तौर पर चुनाव में उतरते हैं तो उनकी जीत तय ही है, लेकिन जी-23 की ओर से उनके खिलाफ कैंडिडेट खड़ा कर पाना चिंता का सबब जरूर हो सकता है।

 Rahul Gandhi
Rahul Gandhi

जम्मू- कश्मीर में कांग्रेस के नाराज नेताओं के समूह जी-23 की बैठक के बाद अब पश्चिम बंगाल के गठबंधन के फैसले पर आनंद शर्मा की ओर से सवाल उठाना पार्टी को पसंद नहीं आया। शर्मा ने इंडियन सेक्यूलर फ्रंट (आईएसएफ) से गठबंधन को पार्टी की नीतियों- रीतियों के खिलाफ करार देते हुए कहा कि अच्छा होता कि फैसला लेने से पहले कार्यसमिति में इस पर चर्चा होती। शर्मा ने एक ट्वीट किया- आईएसएफ और ऐसे अन्य दलों के साथ कांग्रेस का गठबंधन पार्टी की मूल विचारधारा के खिलाफ है, जो कांग्रेस पार्टी की आत्मा है। इन मुद्दों को कांग्रेस कार्य समिति पर चर्चा होनी चाहिए थी। हालांकि शर्मा के इस ट्वीट पर पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष और लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि मैं बंगाल का प्रभारी हूं, लेकिन बिना अनुमति कोई फैसला नहीं लेता हूं। शर्मा जिस तरह से खुले मंच से पार्टी के फैसलों पर सवाल उठा रहे हैं, एक तरह से कांग्रेस नेतृत्व को चुनौती दे रहे हैं। जानकार अब इसके मायने खोजने में लगे हैं। आनंद शर्मा ने दो दिन पहले जम्मू- कश्मीर में हुई जी- 23 नेताओं की बैठक में भी पार्टी को लेकर काफी मुखरता से अपनी बात कही थी। उन्होंने यहां तक कह दिया था कि बीते 10 साल में पार्टी बेहद कमजोर हो गई है।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *