नई दिल्ली : ‘तांडव‘, जैसे फिल्म का नाम प्रभावशाली हैं, वैसे ही फिल्म में नेताओं का कुर्सी के लिए प्यार और चाल चलने का खेल बखूबी दिखाया गया है। ये वेब सीरीज एक राजनीतिक ड्रामा है, सीरीज में पूरी तरह से ये दिखाया गया है कि कैसे राजनीतिक समीकरण समय-समय पर बदलता है। जब राजनीति के खेल में कुर्सी की भूख जब लगती है तो कोई भी सही गलत नहीं होता है। इसी कहानी के साथ आज अमेजन प्राइम वीडियो पर जफर अली अब्बास की सीरीज तांडव स्ट्रीम हो गई है।

पॉलिटिकल ड्रामा वेब सीरीज ‘तांडव’ में दो कहानी एक साथ चलती है जहां एक तरफ कुर्सी की पाने की जंग चल रही हैं तो वहीं यूनिवर्सिटी कैंपस के अंदर जातिवाद, पूंजीवाद, फासीवाद से आजादी के लिए स्टूडेंट लड़ रहे हैं लेकिन दोनों ही कहानी एक दूसरे से जुदा है। राजनीति में धोखा और फरेब हर मोड़ पर कैसे होता है, ये इस कहानी में मुख्य तौर पर दिखाया गया है। सीरीज देख ये साफ होता है कि कुर्सी का ये खेल सही या गलत नहीं होता है, ये राजनीति है और ये ऐसे ही सत्ता और ताकत के लिए होती है।
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तांडव में सभी कलाकारों द्वारा शानदार एक्टिंग-
एक्टिंग की बात करें तो सभी ने बहुत ही शानदार एक्टिंग की है। डिम्पल कपाड़िया की एक्टिंग और उनका डिजिटल डेब्यू सफल रहा। वह पूरी वेब सीरीज में एक्टिंग के मामले में सबसे अलग नजर आती हैं और अपने पात्र को शानदार ढंग से परदे पर जिंदा किया है. सैफ अली खान ने भी अच्छी एक्टिंग की है, लेकिन सीरीज के आखिरी तीन एपिसोड में वह अपने असली रंग में आते हैं, और असर डालते हैं. जबकि सीरीज के अन्य कलाकारों जीशान अय्यूब, गौहर खान और सुनील ग्रोवर इत्यादि की एक्टिंग अच्छी है. ‘तांडव’ सीरीज को राजनीति का उथला गेम देखने के लिए देखा जा सकता है।

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कहानी पर नज़र डालते है-
इस सीरीज की कहानी हमें इंसान के अंदर पल रहे प्यार, महत्वकांक्षा, लालच, घमंड, नफरत और ईष्या को दिखाती है। तांडव कदम- कदम पर धोखे की कहानी है कुर्सी के इस खेल में कोई भी सही या गलत के साथ नहीं होता है। हर कोई बस राजनीति से मतलब रखता है। सीरीज की कहानी की शुरुआत में दक्षिणपंथी पार्टी (जेएलडी) जन लोक दल तीसरी बार आम चुनाव जितने को तैयार है। लेकिन इस बार भी ये लगभग तय है कि देवकी नंदन (तिग्मांशु धूलिया) प्रधानमंत्री बनेंगे, लेकिन चुनाव के नतीजे आने से ठीक पहले देवकी नंदन की मौत की खबर आती है। ऐसे में अब प्रधानमंत्री पद का दावेदार देवकी नंदन का बेटा समर प्रताप सिंह (सैफ अली खान) है, मगर कहते हैं कि राजनीति में ऊंट किस करवट बैठेगा ये किसी को नहीं पता।

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राजनीतिक का खेल ‘तांडव’ देखें या न देखें-
जफर अली अब्बास की सीरीज तांडव में जितने सितारे हैं उतनी ही मजेदार उनके किरदार हैं। समर प्रताप सिंह किंग मेकर की भूमिका में उभरकर सामने आते हैं। डिंपल कपाड़िया ने अपनी भूमिका से दर्शकों के मन में विश्वास पैदा किया। वहीं सुनील ग्रोवर ने भी सीरीज में मिले मौके का पूरा फायदा उठाते हुए अपने किरदार को निभाया है।इसके साथ ही सीरीज में कई और किरदार हैं जिन्होंने अपने पूरे किरदार के साथ न्याय किया है। अगर आप राजनीति में रूचि रखते हैं या आप को ऐसी फिल्में पसंद हैं तो आप इसे एक बार जरूर देख सकते हैं। निर्देशक ने इसे आज के माहौल के अनुरूप बनाया है, जिस वजह से दर्शकों इसे देखने में काफी मजा आएगा।
वेबसीरीज: तांडव
निर्देशक: अली अब्बास जफर
कलाकार: सैफ अली खान, डिंपल कपाड़िया, मोहम्मद जीशान अयूब, सुनील ग्रोवर, सारा जेन डायज, कृतिका कामरा, तिग्मांशु धूलिया