नई दिल्ली: आज हम आपके सामने एक ऐसा किस्सा लेकर आएं हैं जिसको सुनकर आपको हैरानी और अचम्भा दोनों एक साथ होंगे. दक्षिण वेल्स में लिली वाइल्डर नाम की 4 वर्ष की बच्ची बैरी के पास टहलने के लिए निकली थी. इसी दौरान वह समुद्र के पास एक टीले पर पहुंची, जहां उसे विलुप्त हो चुके डायनासोर के पदचिह्न दिखाई दिए हैं।

विशेषज्ञों से किया संपर्क-
वेल्स संग्रहालय ने ये जानकारी देते हुए कहा है कि बच्ची की ये ‘खोज’ डायनासोर के पैरों की वास्तविक संरचना समझने में काफी मददगार होगी. वहीं लिली की मां सैली ने एक बयान में कहा है, लिली ने डायनासोर के पदचिन्ह देखे और कहा, ‘डैडी, देखो’ जब लिली के पिता रिचर्ड ने घर आकर मुझे यह तस्वीर दिखाई तो मुझे भी यह अद्भुत लगा. इसके बाद रिचर्ड ने विशेषज्ञों से संपर्क किया।

बेल्स संग्रहालय के जीवाश्म विज्ञान क्यूरेटर सिंडी हॉवेल्स ने कहा कि यह स्थान पहले से ही डायनासोर के पैरों के निशान के लिए जाना जाता है। लेकिन लिली को जो पदचिन्ह मिला है वो अब तक का सबसे अच्छा नमूना है। आपको बता दें कि नेचुरल रिसोर्स वेल्स की परमीशन के बाद पदचिह्न को समुद्र तट से कानूनी तौर पर हटा दिया गया है और वैज्ञानिकों द्वारा रिसर्च के लिए राष्ट्रीय संग्रहालय कार्डिफ में संरक्षित कर लिया गया है।

बता दें की पाए गए पदचिन्ह लगभग 4 इंच लंबे हैं. माना जा रहा है कि इस डायनासोर की लंबाई 8 फीट रही होगी. बेल्स संग्रहालय के हॉवेल्स ने कहा कि इस खोज से जीवाश्म विज्ञानियों को डायनासोर से जुड़ी रिसर्च में काफी मदद मिलेगी।