नई दिल्ली: ट्विटर के खिलाफ एक्शन, भारत सरकार ने ट्विटर के अधिकारियों को किसान आंदोलन के फर्जी और भड़काऊ सूचना फैलाने वाले अकाउंट को ब्लॉक करने के निर्देश दिया है। भारत सरकार ने खालिस्तान और पाकिस्तान के संबंधित 1178 अकाउंट बंद करने का आदेश देने के कारण केंद्र और ट्विटर के बीच टकराव बढ़ ही जा रहा है । इस बीच ट्विटर के मामले पर अमेरिका ने भारत का समर्थन दिया है। जिस से दुनिया में लोकतांत्रिक मूल्यों को बढ़ावा दिया जा सके।

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने ट्विटर के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि भारत के कानून के हिसाब ही काम करना होगा । उन्होने कहा कि सोशल मीडिया में अफवाह फैलाने की इजाजत भारत के खिलाफ किसी को भी नहीं दी जा सकती है। वही ट्विटर को भी अपनी नीतियों को समझना होगा ।
500 अकाउंट पर लगाई रोक ट्विटर ने
अमेरिकी सोशल माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर ने केंद्र सरकार के आदेश का पालन करने में असमर्थता जताई है ।जिसमें उन्होनें खालिस्तान और पाकिस्तान से संबंधित 1100 अकाउंट को बन्द करने के लिए कहा था। जिस के जवाब में कंपनी ने 500 से अधिक अकाउंट को भारत में रोक लगा दी है। उसका कहना है कि यह कदम भारत सरकार द्वारा केवल भारत में ही कुछ अकाउंट को बंद करने के निर्देश के तहत उठाया है। साथ ही सिविल सोसायटी के कार्यकर्ताओं, राजनेताओं और मीडिया के अकाउंट को बंद नहीं किया जा सकता क्योंकि ऐसा करने से देश के कानून के तहत अभिव्यक्ति की आजादी के मूल अधिकार का उल्लंघन होता जाता है।
PM मोदी : देश में हो रहा है बदलाव, दुनिया में बढ़ रही भारत की उपलब्धि
कानूनी कार्रवाही ट्विटर के खिलाफ
मोदी सरकार ने ट्विटर से 1178 अकाउंट को हटाने के लिए कहा था । जो पाकिस्तानी और खालिस्तानी जुड़े हुए थे। इन अकाउंट के द्वारा किसानों को भड़काया जा रहा था । ट्विटर ने जिस के जवाब में 583 अकाउंट के खिलाफ कार्रवाई भी की है । इनमें से कुछ अकाउंट को स्थायी तौर पर बन्द किया गया है। वही मोदी सरकार ने पिछले महीने किसानों के आन्दोलन के चलते 257 अकाउंट पर रोक लगाने के लिए कहा था। लेकिन ट्विटर ने कुछ घंटे के लिए रोक लगाकर फिर से उन्हे बहाल कर दिया था। इसके जवाब में सरकार के आदेश का पालन नहीं करने पर नोटिस दिया था और कानूनी कार्रवाई करने की भी चेतावनी दी थी।
भारतीय कानूनों के अनुरूप कार्रवा
ट्विटर ने अपने ब्लॉग पोस्ट में कहा कि वह सरकार के कुछ आग्रहों को पूरी तरह से लागू नहीं कर सकती है। क्योंकि ट्विटर का मानना है कि यह भारतीय कानूनों के अनुरूप नहीं है। साथ ही अपने यूजर्स के बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा करना हमारा अदिकार है। जिस में न्यूज मीडिया कंपनियां, पत्रकारों,सामाजिक कार्यकर्ताओं और राजनेताओं के अकाउंट भी शामील है।