क्या गाड़ियों के बाद अब दुकानों से भी हटेंगे जातिसूचक शब्द?

जातिसूचक नाम
जातिसूचक नाम

प्रयागराज: वाहनों पर से जातिसूचक नाम हटाने के बाद क्या अब दुकानों पर से भी यह मुमकिन होगा, इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय में मध्यकालीन एवं आधुनिक इतिहास विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ.विक्रम हरिजन ने प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र भेजकर दुकानों के बोर्ड पर जाति उल्लेखित किए जाने पर प्रतिबंध की मांग की है। इसके पीछे उन्होंने जाति लिखे वाहनों पर प्रतिबंध लगाने की गाइडलाइन का जिक्र किया है। यह प्रतिलिपि गृह मंत्री के अलावा सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को भी भेजी गई है।

वाहनों पर जाति लिखा होगा तो जुर्माना देना होगा-

डॉ. विक्रम ने पत्र में जिक्र किया है कि हाल में भारत सरकार ने नई गाइडलाइन जारी की। इसमें स्पष्ट निर्देश दिया गया कि वाहनों पर यदि जाति लिखा पाया गया तो जुर्माना देना होगा। उन्होंने इस फैसले का स्वागत किया है। साथ ही नई गाइडलाइन जारी करने की मांग भी उठाई है। उनका कहना है कि शहर में अग्रवाल स्वीट हाउस, जायसवाल क्लाथ स्टोर, तिवारी बिल्डिर्स, पंडित कचौड़ी, पांडेय पान बहार आदि जातिसूचक नाम के साथ दुकानों का संचालन होता है।

जातिसूचक नाम
जातिसूचक नाम

जातिसूचक नाम निजी दुकानों से भी इस्तेमाल पर रोक लगाई जाए-

यह संविधान के खिलाफ है। उन्होंने यह भी बताया कि वर्ष 2016 में मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को आदेश दिया था कि सभी सरकारी और गैर सरकारी कॉलेजों से भी जातिसूचक शब्द हटा दिए जाएं। ऐसे में देश के सभी राज्यों के लिए यह गाइडलाइन भी जरूरी है कि वह सार्वजनिक और निजी दुकानों से भी जातिसूचक शब्दों के इस्तेमाल पर रोक लगाई जाए।

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