नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में इस साल अप्रैल-मई में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सत्ताधारी सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। इस चुनावी सरगर्मियों के बीच नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान जय श्री राम का नारा लगने से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भड़क गईं और बिना कुछ बोले मंच छोड़ दिया। अब इस घटना के खिलाफ ममता बनर्जी ने विधानसभा में निंदा प्रस्ताव लाने की ठानी हैं।
जय श्री राम के खिलाफ निंदा
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जय श्री राम के खिलाफ निंदा-
वहीं कांग्रेस और माकपा ने भी बुधवार को कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर आयोजित एक आधिकारिक कार्यक्रम में ‘जय श्री राम’ का नारा लगाए जाने के खिलाफ सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस द्वारा विधानसभा में लाए जाने वाले निंदा प्रस्ताव का वे समर्थन नहीं करेंगे। दरअसल, दोनों दलों के नेताओं ने कहा कि अगर यह प्रस्ताव लाया जाता है तो दोनों दल तब तक इसका समर्थन नहीं करेंगे जब तक कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी स्वयं प्रदेश में संविधान एवं विपक्ष का सम्मान सुनिश्चित नहीं करती हैं।

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राज्य के लिए अपमान जनक-
आपको बता दें कि, नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में ‘जय श्री राम‘ के नारे लगने के बाद तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी ने 23 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में समारोह को संबोधित करने से मना कर दिया था। कांग्रेस ने ममता बनर्जी का समर्थन करते हुए कहा था, कि इस तरह नारेबाजी करना मुख्यमंत्री का अपमान है जबकि माकपा ने इसे राज्य के लिए अपमान जनक करार दिया था। बता दें कि तृणमूल कांग्रेस ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ हुए ‘निंदनीय व्यवहार’ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कथित ‘चुप्पी’ पर अफसोस जताया था।