नई दिल्लीः ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने नियमों का उल्लंघन करने वाले बिल्डरों पर कार्रवाई शुरू कर दी है। हरित क्षेत्र में कृत्रिम घास लगाने पर प्राधिकरण ने गौर बिल्डर पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। साथ ही, 2 महीने में ग्रीन एरिया विकसित करने को कहा है। अगर तय समय पर काम नहीं हुआ तो प्राधिकरण 1 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाएगा। इस मामले में प्राधिकरण अपने कर्मचारियों के खिलाफ भी कार्रवाई करने की तैयारी में है।

हाईकोर्ट पहुंचे निवासी-
दरअसल ग्रेटर नोएडा वेस्ट की गौड़ सिटी सोसाइटी के कई एवेन्यू में बने हरित क्षेत्र में बिल्डर ने प्लास्टिक घास लगा दी है। प्लास्टिक घास लगाए जाने का यहां के निवासी काफी दिनों से विरोध कर रहे थे। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से बार-बार शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई। सुनवाई नहीं होने पर यहां के निवासी हाईकोर्ट चले गए। हाईकोर्ट ने प्राधिकरण से बिल्डर पर कार्रवाई करने के लिए कहा है। साथ ही, कृत्रिम घास की जगह हरित क्षेत्र विकसित कराने का आदेश दिया।
हरियाली विकसित करने के आदेश-
अदालत के आदेश के बाद ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारी हरकत में आ गए। इस मामले में कार्रवाई शुरू कर दी। हाल ही में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण ने इसको लेकर आदेश जारी कर दिया। बिल्डर को कृत्रिम घास हटाकर हरियाली विकसित करने के लिए दो माह का समय दिया है। दो माह में इसे पूरा न करने पर एक करोड़ रुपये की पेनल्टी लगाने के लिए कहा है। साथ ही, मुकदमा भी दर्ज कराने को कहा है।
प्राधिकरण के कर्मचारी भी फंसेगे-
बता दें की इस मसले में प्राधिकरण के कर्मचारी भी लपेटे में आ सकते हैं. जैसा की आदेश में कहा गया है कि बिल्डर ने नियमों के विरुद्ध कृत्रिम घास लगा दी और प्राधिकरण के नियोजन विभाग ने उपभोग प्रमाणपत्र जारी कर दिया। सीईओ नरेंद्र भूषण ने अपने आदेश मे एसीईओ केके गुप्ता से उन सभी कर्मचारियों के खिलाफ तीन दिन में चार्जशीट जारी करने के आदेश दिए है।