गणतंत्र दिवस : राजधानी पहुंचे किसान, ट्रैक्टर रैली में जमकर मच रहा हुड़दंग

ट्रैक्टर रैली में जमकर मच रहा हुड़दंग
ट्रैक्टर रैली में जमकर मच रहा हुड़दंग

नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से लगे सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के कुछ समूह पुलिस के अवरोधकों को तोड़कर दिल्ली में दाखिल हो गए। किसान यहां कई दिनों से केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। अधिकारियों के अनुसार सुरक्षा कर्मियों ने किसानों को समझाने की कोशिश भी की और कहा कि राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड के खत्म होने के बाद उन्हें दिल्ली में ट्रैक्टर परेड करने की अनुमति दी गई है। परन्तु इसके बावजूद किसानों के कुछ समूह माने नहीं और पुलिस के अवरोधक तोड़कर आउटर रिंग रोड की ओर बढ़ने लगे। केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे 41 किसान संघों के प्रमुख संगठन ‘संयुक्त किसान मोर्चा’ के एक सदस्य ने कहा कि अवरोधक तोड़ने वाले लोग ‘किसान मजदूर संघर्ष कमेटी’ के सदस्य थे।

AYA NAGAR : फौजियों के नाम, एक शाम।

ट्रैक्टर रैली में जमकर मच रहा हुड़दंग
ट्रैक्टर रैली में जमकर मच रहा हुड़दंग

फूलों की बौछार से हुआ ट्रैक्टर रैली का स्वागत-

सुबह करीब 10.00 बजे किसानों का एक जत्था संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर पहुंचा। यहां एक ओर जहां स्थानीय लोगों ने फूलों की बौछार कर इनका स्वागत किया तो दूसरी ओर सुरक्षा बलों से इनकी तनातनी हो गई। संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर में किसानों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस का भी इस्तेमाल किया। वहीं दिल्ली के मुकरबा चौक पर किसानों को एक पुलिस वाहन के ऊपर सवार होकर बैरिकेडिंग हटाते हुए देखा गया। इतना ही नहीं किसानों ने पांडव नगर के पास दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर पुलिस बैरिकेडिंग को धकेला और गिरा दिया।

ट्रैक्टर रैली में शामिल होंगे इतने महंगे ट्रैक्टर, कीमत जान चौंक जायेंगे आप

ट्रैक्टर रैली में जमकर मच रहा हुड़दंग
ट्रैक्टर रैली में जमकर मच रहा हुड़दंग

उन्होंने हमारा सहयोग किया है और हम उनका कर रहे हैं-

दूसरी ओर सिंघु बॉर्डर पर संयुक्त पुलिस आयुक्त एसएस यादव ने कहा कि उन्होंने हमारा सहयोग किया है और हम उनका सहयोग कर रहे हैं। हमारा अनुरोध है कि वे फिलहाल जिस रूट पर चल रहे हैं, उसी पर चलते रहें। वहीं सिंघु बॉर्डर पर किसान मजदूर संघर्ष समिति के सतनाम सिंह पन्नू ने कहा कि हमें रिंग रोड की ओर बढ़ना है लेकिन पुलिस हमें रोक रही है। हमने उन्हें अपने सीनियर्स से बात करने के लिए 45 मिनट दिए हैं। हम शांतिपूर्ण परेड कर रहे हैं साथ ही जिस रूट पर वे हमें चलने के लिए कह रहे हैं, उस पर हम सहमत नहीं हैं।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *