नई दिल्ली: देशभर मे किसान आंदोलन कर रहे हैं तो निश्चित रुप से इसकी चर्चा हर जगह होनी जरुरी है। लेकिन आज हम आपको बताने जा रहे हैं, किसानों के आन्दोलन के बारे में नहीं बल्कि खेती में हाईटेक टेक्नोलॉजी के उपयोग की बात। जी हां खेती में हाईटेक टेक्नोलॉजी के उपयोग से भारत का किसान लगातार आत्मनिर्भर होता जा रहा है एक और जहां कोरोना काल में नौकरियां जा रही थी वहीं ऐसे में कृषि क्षेत्र ने सरकार और देश को बड़ी राहत देने का काम किया है।
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सुधर गए है हालत-
आपको बता दें कि एक समय में भारत में अनाज की भारी किल्लत हुआ करती थी। और इसके लिये विकसीत देशों पर निर्भर भी रहना पड़ता था। लेकिन अब हालात कुछ और है, दरअसल हरित क्रांति को अपनाने के बाद हमारे देश के किसान पहले के मुकाबले बहुत जयादा अनाज पैदा करने लगे हैं। दुनिया भर में भारत के किसानों की वाहवाही होने लगी उतना ही नहीं किसान भी उन्नत खेती को अपना कर अपनी आमदनी बढ़ा रहे हैं। आज के युग में किसान अपने खेतों पर पैनी नजर रखने के लिये ड्रोन तक का इस्तेमाल कर रहे है।
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हाईटेक मशीनों का उपयोग-
साथ ही कई हाईटेक मशीनों का भी उपयोग किया जा रहा है। देश के किसानों ने अब खेती के लिये पारंपरिक तकनीको को पीछे छोड़ दिया है। पंजाब में सरकार ने की मदद से मोट सेंसिंग सेंटर लगाया गया है। जो मोबाइल फोन के माध्यम से ही मिट्टी की उर्वरता से लेकर हवा की गुणवत्ता तक की जानकारी उपलब्ध कराता है। वहीं सिचांई के तकनीक भी भी अब समय के साथ बदल गए है। पानी का सही मात्रा में उपयोग, पौधों को संतुलित रूप से पोषक तत्वों की पूर्ति और पैदावार में बढ़ोत्तरी जैसे लाभ पाने के लिये भी सेंसर का बखूबी उपयोग किया जा रहा है।