नई दिल्ली : आज हरियाणा सरकार की अग्निपरीक्षा है। तीनों कृषि कानूनों के विरोध में कांग्रेस सदन में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने जा रही है।उसके लिए पार्टी ने पूरी तैयारी कर ली है।नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने तीन कृषि कानूनों के विरोध में ये अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला किया है।
जिससे साफ हो जाएगा कि कौन सा विधायक सरकार के साथ खड़ा है और कौन किसानों का देता है। कृषि बिलों के खिलाफ सदन और सड़क दोनों जगह संग्राम छिड़ा हुआ है। किसान दिल्ली बॉर्डर पर डटे हैं तो कांग्रेस सत्ता पक्ष को घेरने में लगी हुई है। हरियाणा में कृषि कानूनों के खिलाफ कांग्रेस किसानों के साथ खड़ी है और कांग्रेस विधानसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला रही है। कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव के बाद बीजेपी ने सभी विधायकों को व्हिप जारी किया है। बीजेपी के विधायकों को ना सिर्फ सदन में मौजूद रहना होगा। वही इतना तो साफ है कि अविश्वास प्रस्ताव की वजह से मनोहर सरकार में खलबली हो गई है।
जेजेपी विधायको की चिंता
जननायक जनता पार्टी के चार विधायकों के तीखे तेवर ने जजपा और उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की टेंशन पहले ही बढ़ा रखी है। टोहाना से जजपा के विधायक देवेंद्र बबली ने कहा है कि वह अविश्वास प्रस्ताव पर पार्टी के व्हिप का पालन करेंगे। और वह दुष्यंत चौटाला से कहेंगे कि हमें सरकार से अलग हो जाना चाहिए। क्योकि हमें जनता के बीच में जाना मुश्किल हो गया है। विधानसभा में भी टोहाना से जजपा विधायक देवेंद्र बबली ने कृषि कानूनों को लेकर अपनी ही सरकार पर सवाल पहले से ही उठाए थे। विधानसभा में बरवाला से जजपा विधायक जोगीराम सिहाग, नारनौंद के विधायक रामकुमार गौतम और गुहला से विधायक और जजपा विधायक दल के उपनेता ईश्वर सिंह ने कई तीखे सवाल उठाकर अपनी पार्टी के नेता दुष्यंत चौटाला की मुश्किलें काफी बढ़ा दी थी ।
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विधायकों की जानकारी
सदन में संख्या की जानकारी – भाजपा के पास 40, जजपा के 10, कांग्रेस के 30, निर्दलीय सात और एक हलोपा विधायक है। वही सरकार के पास विधायकों का आंकड़ा 56 बनता है। अगर सभी निर्दलीय और जजपा के विधायक खट्टर सरकार के खिलाफ वोटिंग करते है। तो सरकार गिर भी सकती है। लेकिन कुछ विधायक भले ही सरकार का विरोध कर रहे है। फिर ही वोट सरकार को ही डालने की बात कर रहे है।